हिजाब की जिद: आग्रह नहीं, विवेक जागेआज तुनिसिया, मोरोक्को, अजरबेजान, लेबनान, सीरिया और कोसोवो जैसे मुस्लिम देशों में हिजाब को लेकर कड़े नियम मौजूद हैं। जैसे, कोसोवो में लड़कियां हिजाब पहन कर स्कूल नहीं जा सकतीं। लेकिन भारत में इसका ठीक उल्टा हो रहा है। जबकि हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष ..
स्वर-माधुर्य की साम्राज्ञी लता मंगेशकर का मौन होनागीत और संगीत का प्रवाह थमा नहीं है, कभी थमेगा भी नहीं। नादब्रह्म अभी निनादित है। गायक-गायिकाओं की लंबी कतारें आगे-पीछे होती रहेंगी। शिखर को छूने के प्रयत्न होते रहेंगे, किंतु लता मंगेशकर जिस शिखर पर पहुंचती थी, वहां तक पहुंचने के सपने देखना भी बड़ी ..
राजनीति नहीं, देशहित का दूरगामी अमृत बजटकोरोना की संकटकालीन एवं चुनौतीभरी परिस्थितियों में लोककल्याणकारी एवं आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को बल देने वाला यह बजट अभिनन्दनीय एवं सराहनीय है। यह बजट भारत की अर्थव्यवस्था के उन्नयन एवं उम्मीदों को आकार देने की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा। ..
सुभाषचन्द्र बोस - भारत की स्वतंत्रता संघर्ष का महान कर्मयोद्धा ये आज जब हम देश की स्थिति देखते हैं तो और स्पष्ट रूप से समझ पाते हैं कि स्वतंत्र भारत के बाद के दशकों में अगर देश को सुभाष बाबू, सरदार पटेल जैसे व्यक्तित्वों का मार्गदर्शन मिला होता, भारत को देखने के लिए विदेशी चश्मा नहीं होता तो स्थितियां बहुत ..
मुद्देविहीन चुनावों की त्रासदी कब तककभी-कभी लगता है समय का पहिया तेजी से चल रहा है जिस प्रकार से घटनाक्रम चल रहा है, वह और भी इस आभास की पुष्टि करा देता है। ..
सुरक्षा से समझौता एवं बौखलाहट की राजनीतिमोदी पर कीचड़ उछालना, अमर्यादित भाषा का उपयोग करना, उन्हें गालियां देना आम बात हो गयी है, लेकिन उनकी जीवन-सुरक्षा को नजरअंदाज करना- बेहद शर्मनाक है। इस निन्दनीय एवं पागलपन की घटना के उपरांत इसे सही ठहराने की कांग्रेस की कोशिश कोई नई बात नहीं है। ..
ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान की भरपाई कैसे हो?लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन क्लास का ठीक से न चल पाना, इंटरनेट और मोबाइल जैसी सुविधाओं का न होना और पढ़ाई के प्रति अरूचि ने बच्चों को शिक्षा के लिहाज से पीछे धकेल दिया है। ..
दागी राजनीति से कब मुक्त होगा लोकतंत्र ?सभी राजनीति दल अपराधी तत्वों को टिकट न देने पर सैद्धान्तिक रूप में सहमति जताते हैं, पर टिकट देने के समय उनकी सारी दलीलें एवं आदर्श की बातें काफूर हो जाती है। आगामी चुनावों के पांच राज्यों के उम्मीदवारों के चयन में देखने को मिला है।..
पेगासस: विदेशी मीडिया पर इतना भरोसा क्यों?देश में एक बार फिर पेगासस के जासूसी यंत्र को लेकर काफी चर्चा हो रही है। जिसको लेकर विपक्षी दल लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं, आक्रामक बने हुए है।..
संगीत एवं नृत्य परंपरा का सितारा थे बिरजू महाराजपंडित बिरजूजी कथक नर्तकों के महाराज परिवार के वंशज थे जिसमें अन्य प्रमुख विभूतियों में इनके दो चाचा व ताऊ, शंभु महाराज एवं लच्छू महाराज तथा इनके स्वयं के पिता एवं गुरु अच्छन महाराज भी आते हैं। ..
समाज में जहर घोलने वाले बुल्ली-सुल्ली ऐपभारत की विविधता में एकता एवं सर्वधर्म सम्भाव संस्कृृति को कुचलने की कोशिशें लगातार होती रही है, लेकिन महिलाओं को आधार बनाकर भारतीय संस्कृति एवं संविधान को देखते हुए षडयंत्रपूर्वक नफरत एवं घृणा फैलाना अनुचित ही नहीं, आपराधिक कृत्य है।..