Pahalgam terror attack: भारत के साथ 4 आमने-सामने के युद्ध हारने के बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख का हिंदू- मुस्लिम को अलग राष्ट्र बता

NewsBharati    24-Apr-2025 11:24:32 AM   
Total Views |
अभी-अभी पाकिस्तान की आइ एस आइ ने कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर उनका धर्म पूछ कर हमला करके पाकिस्तान केसेना प्रमुखके उपरोक्त बयान को सिद्ध करने की कोशिश की हैऔर इसके द्वारा जम्मू कश्मीर तथा पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव को भी बढ़ावा देने की नाकाम कोशिश पाकिस्तान द्वारा की गई हैयह कोशिश खासकर उस समय की है जब भारत में बक्फ- बोर्ड संशोधन कानून को स्वीकृति मिल चुकी है ! परंतु भारत में हिंदू मुस्लिम में उसकी फूट डालने की नीति कभी कामयाब नहीं होगी ! पाकिस्तानी सेना प्रमुख का बयान तथा पहलगाम में हमला भारत पर पाकिस्तान का परोक्ष युद्ध काहमला ही है !आधुनिक युग में हर क्षेत्र में तकनीक का विकास हो रहा है और इसी क्रम में युद्ध की भी नई तकनीक परोक्ष युद्ध के रूप में विस्तृत हुई है !


pak chief munir

आमने-सामने का युद्ध देश की सीमाओं पर लड़ा जाता है, परंतु परोक्ष देश के आंतरिक भागों में लड़ा जाता है ! इसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन देश की सामाजिक एकता तथा सामजसिता को बर्बाद करना होता है जिस में सांप्रदायिक दंगे तथा सरकार की नीतियों का विरोध इत्यादि शामिल है !इस प्रकार जितना विनाश सीमा पर होता है उससे ज्यादा विनाश सांप्रदायिक दंगों और धरने प्रदर्शन तथा राष्ट्र- विरोधीगतिविधियों द्वारा पहुंचाता जाता है जैसा कीनागरिकता संशोधन कानून के समयशाहीन बाग धरनो के द्वाराकिया गया था और उसके बाददिल्ली मेंसांप्रदायिक दंगे उसे समय हुएजिस समयविश्व की महाशक्ति अमेरिका के राष्ट्रपतिदिल्ली मेंमौजूद थेऔरपूरे विश्व की प्रेस दिल्ली में ही थीजिसके द्वारादेश की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को भारी ठेस लगी ! शाहीन बाग धरनेका तथादिल्ली के सांप्रदायिक दंगों का पूरासंचालनपाकिस्तान की इसी नेखालिस्तानसमर्थकों के द्वाराकिया थापरंतुदेश की एक जो तनेउसके इस कुत्सित इरादे को धराशाई कर दिया था !

पाकिस्तान भारत के विरुद्ध 1947, 65, 71 तथा 98 का युद्ध द्वारा हार चुका हैऔर उसे पूरा विश्वास हो गया है कि अब वह भारत के साथ युद्ध नहीं जीत सकता इसलिए उसने 80 के दशक से भारत के विरुद्ध परोक्ष युद्ध छिड़ रखा है ! इसके लिए उसने भारत में अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना पैदा करने की कोशिश की है ! इसी के अंतर्गत पंजाब में सिखों को बहका कर वहां पर खालिस्तान के नाम पर आतंकवाद को बढ़ाबा देते हुए पंजाब के नौजवानों को आतंकवादी बनाया तथा उन्हें सीमावर्ती क्षेत्रों मेंआतंकवाद का प्रशिक्षण देते हुए हर प्रकार की सहायता प्रदान की ! जिसको भारत सरकार ने पंजाब की जनता की राष्ट्रीयता की भावना के द्वारा वहां पर शांति स्थापित की! परंतु इसमें सेना कोआतंकवादियों पर नियंत्रण करने के लिए सिखों के पूजा स्थल स्वर्ण मंदिर पर हमला करना पड़ा था जो एक बहुत दुखद घटना थी ! इसी क्रम में 80 के दशक से ही पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में भी आतंकवाद को बढ़ावा दिया जिस पर भारत ने नियंत्रण तो कर लिया है ! परंतु अभी भी कभी-कभी पाकिस्तान की की गुप्तचर संस्था आइएसआइइस क्षेत्र में आतंकी गतिविधियां करती रहती है !

जब भी पाकिस्तान में आंतरिक स्थिति डाबाडोल होती है या भारत में मुसलमान से संबंधित कोई नीतिगत फैसला जैसे नागरिकता संशोधन कानून और वक्त बोर्ड कानू मैं संशोधन तब तब पाकिस्तान की सेना सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावादेनेकी कोशिश करती है !अभी 17 अप्रैल को पाकिस्तान के सेना प्रमुख जन आसिफमुनीर इसी इरादे से वहां पर एक सभा को संबोधित करते हुए दो राष्ट्र के सिद्धांत पर जोर देते हुए कहा है कि हिंदू और मुसलमान दो अलग-अलग राष्ट्र हैं क्योंकि मुसलमानो के विचार, रीति रिवाज, रहन-सहन और आकांक्षाएं सब हिंदुओं से अलग है ! इसलिए एक यह एक साथ नहीं रह सकते ! इसी विचार के अंतर्गत मोहम्मदअली जिन्ना ने भारत का बटवारा करके मुसलमानो के लिए पाकिस्तान का निर्माण किया !

इसी दो राष्ट्र के विचार के साथ जनरल मुनीर ने कश्मीर का मुद्दा भी उठाया कि यह मुस्लिम बहुल क्षेत्र है इसलिए हमने कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने के लिए अक्टूबर 1947 में ही हमला कर दिया था और भारत के कब्जे वाला कश्मीर हमारे लिए गले की नस की तरह है जिस प्रकार गले की नस शरीर के लिए महत्वपूर्ण होती है उतना ही कश्मीर पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण है ! उनके विचारों पर पाकिस्तान के ही एक प्रसिद्ध बुद्धिजीवी ने सवाल उठाते हुए कहा है कि पूरे संयुक्त भारत के मुसलमान कहां से आए क्योंकि बाहर से तो बहुत कम मुसलमान यहां पर हमलावरों के रूप में आए थे ! और उसका उत्तर था की संयुक्त भारत में हिंदुओं कोई ही मुसलमान बनाया गया है और अब यह कहना कि दोनों साथ-साथ नहीं नहीं सकते यह सत्य नहीं है ! इसके साथ ही उन्होंने पूछा है कि यदि यह साथ नहीं दे सकते तो क्या भारत के 20 करोड़ मुसलमान को वह पाकिस्तान में स्वीकार कर सकते हैं ! परंतु पाकिस्तान के सेना प्रमुख को शायद यह पता नहीं है कि भारत का मुसलमान पूरी तरह से राष्ट्रवादी हैऔर उनमें ब्रिगेडियर उस्मान ,हवलदार अब्दुल हमीद औरबहुत से वीरऔर भारत पर अपना सर्वस्व निछावर करने वाले बहुत से मुसलमान यहां पर मौजूद हैं जिन परउनकी यह चाले कामयाब नहीं होगी !

जन मुनीर के इस प्रकार के दुष्प्रचार की आवश्यकता के पीछे पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा तथा अर्थव्यवस्था की स्थिति है ! आजादी के पहले से ही बलूचिस्तान की अपनी अलग पहचान थी जिसके लिए स्वयं मोहम्मद अली जिन्ना ने अंग्रेजी अदालत में इसके लिए कैसे लड़ा था !आजादी के समय बलूचिस्तान एक अलग राष्ट्र था परंतु 1948 में उसे मोहम्मद अली जिन्ना ने ही पाकिस्तान में मिला लिया ! तब से ही बलूचिस्तान में इसके विरोध आवाज उठनी शुरू हो गई थी जिसको दबाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने बांग्लादेश की तरह यहां की जनता पर भी तरह-तरह के अत्याचार करने शुरू कर दिए थे ! इसके अंतर्गत बलूचिस्तान में पाकिस्तान के विरुद्ध आवाज उठाने वालों को सेना गायब कर देती है या उन्हें प्रदर्शनों के दौरान गोली मार देती है !इसी क्रम में2007 में वहां के एक लोकप्रिय नेता नवाब बूघती को पाकिस्तानी सेना ने एक गुफा में जाकर मारा था जहां उन्होंनेशरण ले रखी थी ! बलूचिस्तान पूरे पाकिस्तान के 40% क्षेत्रफल के बराबर है जहां पर बहुत से प्राकृतिक मिनरल पाए जाते हैं इसके बावजूद पाकिस्तान सरकार ने कभी भी यहां के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया इस कारण यह पाकिस्तान का एक पिछड़ा क्षेत्र है ! पिछले कुछ समय से पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान के प्राकृतिक संपदाऔर मिनरलवालेक्षेत्र को चीन को बेच दिया है जिसके बाद बलूचिस्तान चीन की कॉलोनी बनने लगा !

इसको देखते हुए बलूचिस्तान में आजादी की मांगे और जोर से उठने लगी और बांग्लादेश की मुक्तिबाहनी की तरह ही यहां पर भी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का गठन किया गया है जो चीनी ठिकानों और पाकिस्तानी सेना केठिकानों पर हमला कर रही है !इसी कारण अभी कुछ दिन पहले हीअल ए पाकिस्तान सेना की एक सैनिक रेलगाड़ी का अपहरण किया तथा एक सैनिक ट्रक पर हमला करके सैनिकों को हत्या की थी !इस प्रकार बी एल ए पाकिस्तान सेना के लिए एक चुनौती बन गई है ! इसी के साथ अफगानिस्तान सीमा पर स्थित खैबर- पख्तूनवा प्रांत में पाकिस्तान- तरीके- तालिबान नाम का आतंकी संगठन सक्रिय है जो प्रदेश को पाकिस्तान से स्वतंत्र करने के लिए संघर्ष कर रहा है ! इस प्रकार बलूचिस्तान में उठने वाले विद्रोह परनियंत्रण न कर पाने के कारण पाकिस्तान सेना की छवि वहां की जनता की नजर में काफी गिर गई है ! केवल 2024 में ही आतंकी हमलो में वहां के 1064 से लोग मारे गए जिसमें 700 सुरक्षा बलों के सैनिक थे !

उपरोक्त आंतरिक सुरक्षा की स्थिति के साथ ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी डाबाडोल हो चुकी है ! 80 के दशक में रूसी सेना ने अफगानिस्तान में प्रवेश किया उस समय अमेरिका ने पाकिस्तान के युवाओं को अमेरिका की गुप्तचर एजेंसी सीआईए की निगरानी में आतंकी प्रशिक्षण देकर रूसी सेना के विरुद्ध छापामार युद्ध केलिए अफगानिस्तान में लड़ने के लिए भेजा था ! इसके अनुसार पाकिस्तान के मदरसो में पढ़ने वाले युवाओं को अमेरिकी सीआईए की निगरानी में छापामार युद्ध के लिए तालिबान के नाम से रूसी सेना के विरुद्ध प्रयोग किया गया ! इसके ड्वारा रूसी सेना तो अफगानिस्तान से चली गई परंतु पूरे पाकिस्तान के नौजवान देश के विकास में सहयोग देने के स्थान पर आतंकी बन गए और उसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें भारत के पंजाब और कश्मीर की तरफ मोड़ दिया ! इस प्रकार 90 के दशक में जब पूरा विश्व आर्थिक विकास कर रहा था उस समय पाकिस्तान में आतंकवाद चरम पर था ! इस कारण पाकिस्तान में बाहरी निवेश न के बराबर हुआ और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था केवल विदेशी कर्ज पर ही निर्भर रहने लगी ! इस कारण दिसंबर 2024 में पाकिस्तान में विदेशी कर्ज131 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर था जो फरवरी 2025 में 270 बिलियन डॉलर हो गया है !इसके कारण पाकिस्तान की आबादी 40%से ज्यादा गरीबी रेखा से नीचे है है !वहां के आम नगर नागरिकों को भोजन तथा अन्य जरूरी सामान की तभी तंगी है !इसके विपरीत भारत धीरे-धीरे विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनकर उभर रहा है !

इसको देखते हुएआज कल पूरे दक्षिण एशिया में कहावत है कि भारत तो विश्व में लैपटॉप तथा आधुनिक सेल फोन निर्यात कर रहा हैऔर वहीं पाकिस्तान भिखारी और आतंकवाद बाहर भेज रहा है !

हर देश के पास अपनी सुरक्षा के लिए एक सेना होती है परंतु पाकिस्तान में सेना के पास एक देश है ! वहां पर अपना प्रभुतव स्थापित करने तथा पाकिस्तान की जनता को यह दिखाने के लिए की केवल सेना ही जनता की रक्षा भारत के विरुद्ध कर सकेगी ! इसके लिए पाकिस्तानी सेना ने अक्टूबर 1947 में भारत के कश्मीर हमला कर दिया ! इसको देखते हुए कश्मीर के शासक महाराज हरि सिंह ने अंग्रेजों के बनाए कानून के अनुसार भारत में विलय कर लिया था जिसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को कश्मीर से खदेड़ना शुरू कर दिया था ! इसी समय भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र संघ में कश्मीर का मुद्दा उठा दिया था ! जिसके बाद युद्ध विराम की घोषणा हो गई !

जिसके कारण अभी तक तक कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में है जिसे पाक अधिकृत कश्मीर कहा जाता है !परंतु पाक अधिकृत कश्मीर की जनता का दुर्भाग्य है की 1947 से लेकर आज तक उन्हें कभी भी पाकिस्तान में बराबरी का दर्जा नहीं मिला है और उन्हें अभी दोयम दर्जे का नागरिक समझा जाता है ! जबकि भारतीय कश्मीर उन्नति के पद पर है और इसे पृथ्वी पर स्वर्ग कहा जाता है ! इसको देखकर बार-बार पीओके में पाकिस्तान से अलग होकर मुख्य कश्मीर विलय की मांग उठती रहती है ! इसी क्रम में बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनबा के नागरिकों को भी पाकिस्तान के पंजाबी समुदाय ने बराबर का दर्जा नहीं दिया ! इसी कारण वहां भी पाकिस्तान से अलग होने के जोर-जोर से आवाज उठ रही है और तहरीके तालिबानइसके लिए पाकिस्तान की सेना से संघर्ष कर रहा है ! इस प्रकार पाकिस्तान के दो प्रदेश उससे अलग होने के लिए संघर्ष कर रहे हैंऔर इसको नियंत्रित न कर पाने के कारण पाकिस्तान की सेना की छवि पाकिस्तानी जनता में की नजर में गिर चुकी है !

इस प्रकार की स्थिति में अक्सर पाकिस्तान की सेना भारत से अपनी दुश्मनी का मुद्दा उठाकर वहां की जनता का ध्यान आंतरिक समस्याओं से भट्काने का प्रयास करती रहती है !चार युद्ध में हारने के बाद अब वहां की सेना ने भारत के साथ परोक्ष युद्ध करना शुरू कर दिया है ! परोक्ष युद्ध का का लक्ष्य के हमेशा दुश्मन देश की आंतरिक सुरक्षा होती है ! आंतरिक सुरक्षा में सामाजिक सौहार्द तथा आर्थिक व्यवस्था मुख टारगेट होते हैं ! इसलिए पाकिस्तान की आइआसआई भारत की सामाजिक समरसता को बर्बाद करने के लिए सांप्रदायिकता बढ़ाने की कोशिश करती है ! इसके लिए वह भारत के मुसलमानो में बार-बारअसुरक्षा की भावना पैदा करती है !नागरिकता संशोधन कानून पास होने के बाद पाकिस्तानी आईएसआई ने प्रचार किया कि भारत में रहने वाले हर मुसलमान की नागरिकता खतरे में है परंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ !

इसलिए नागरिकता संशोधन के विरुद्ध जो आवाज उठी थी अब वह सब शांत है और भारतीय मुस्लिम पूरी तरह से अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं ! दिल्ली में साइन बाग धरना प्रदर्शन के लिए पाकिस्तान की आइअसआइ ने खालिस्तान समर्थकों के द्वारा भी वहां परधरने प्रदर्शन में मदद ली थी परंतुभारत की एकता औरअखंडता की भावना ने पाकिस्तान के इरादों पर पानी फेर दिया ! अभी इसी क्रम मेंजब से भारत की संसद ने वक्फ बोर्ड संशोधन कानून को पास किया है तब से पाकिस्तानऔर इसको भारत मेंअसंतोष और विद्रोह फैलाने के लिए इस कानून की गलत व्याख्या करकेमुसलमान में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही है परंतुनागरिकता संशोधन कानून की तरह ही उसका यह प्रयास भी पूरी तरह से असफल होगा और भारत की सामाजिक एकता और अखंडता अटूट रहेगी !


Shivdhan Singh

Service - Appointed as a commissioned officer in the Indian Army in 1971 and retired as a Colonel in 2008! Participated in the Sri Lankan and Kargil War. After retirement, he was appointed by Delhi High Court at the post of Special Metropolis Magistrate Class One till the age of 65 years. This post does not pay any remuneration and is considered as social service!

Independent journalism - Due to the influence of nationalist ideology from the time of college education, special attention was paid to national security! Hence after retirement, he started writing independent articles in Hindi press from 2010 in which the main focus is on national security of the country.