धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में विकास की लहरऔर प्रशासनिक सुव्यवस्था की वापसी

NewsBharati    11-Mar-2025 17:29:33 PM   
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6 मार्च को जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने धारा 370 हटाने के बाद राज की आर्थिक तथा रोजगार की स्थिति पर आकलन रिपोर्ट वहां की विधानसभा में पेश की ! इस आकलन के अनुसार राज्य की आर्थिक बढ़त 7.6% रही और बेरोजगारी 0.6% कम होकर वहां की जनसंख्या की 6.1% हो गयी है ! यह आकलन अगस्त 2019 में धारा 370 हटाने के बाद 2024– 25 तक का है ! राज्य में आतंकवाद पर नियंत्रण होने के कारण यहां का मुख्य रोजगार देने वाले व्यवसाय पर्यटन में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है और अब तक की पर्यटकों की सबसे बड़ी संख्या वर्ष 2024 में 2.36 करोड़ रही है ! वहां की अर्थव्यवस्था तथा पर्यटन के विकास के कारण वहां के आम नागरिकों की स्थिति दिन प्रतिदिन बेहतर होती जा रही है !


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धारा 35 A के कारण यहां पर बाहरी निवेश न के बराबर था, क्योंकि राज्य के बाहर के व्यक्ति को यहां पर संपत्ति का अधिकार नहीं था ! परंतु अब इस धारा के हटने के बाद ३2019 से लेकर अब तक राज्य में 1984औद्योगिक इकाइयां स्थापित हो चुकी है ! जिनमें 9606 करोड़ का निवेश आया है ! इससे यहां के 63710 लोगों को रोजगार प्राप्त हो चुका है ! इसके अलावा इस अवधि मेंऔर 1.63 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं जिनमें 5.9 लोगों को रोजगार देने की क्षमता है ! इस प्रकार अब जम्मू कश्मीर आर्थिक रूप से पिछड़े और केंद्र सरकार की सहायता पर जीने वाले राज्य की बजाय देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में आ चुका है ! अब देखा जा सकता है कि जो विकास तथा स्वतंत्रता देश के अन्य राज्यों को 15 अगस्त 1947 को मिली थी वही लंबे संघर्ष के बाद इस राज्य के नागरिकों को 75 साल के बाद 6 अगस्त 2019 को धारा 370 और 35 A को राष्ट्रपति के आदेश के बाद हटाने से इस राज्य के नागरिकों को प्राप्त हुई है ! उपरोक्त आंकड़े राज्य सरकार के द्वारा गठित आकलन समिति के हैं जिन पर शक करने की कोई गुंजाइश नहीं है !

आजादी से पहले संयुक्त भारत में 544 रियासतें थी जिन पर राजाओं और नवाबों का शासन था ! इन रियासतों में केवल जम्मू कश्मीर तथा हैदराबाद के अलावा अंग्रेजों के बनाए नियम कानून के अनुसार इनका विलय भौगोलिक स्थिति के अनुसार भारत और पाकिस्तान मेंआजादी के समय हो चुका था ! जम्मू कश्मीर के शासक महाराजा हरि सिंह ने अपनी भौगोलिक स्थिति जिसमें यह राज्य भारत और पाकिस्तान के मध्य में स्थित है का फायदा उठाते हुए उन्होंने यह सोचा कि वह अपने राज्य का विलय भारत या पाकिस्तान ना करके इन दोनों देशों के बीच में मध्यस्थता का फायदा उठाकर बेखौफ राजाशाई का आनंद उठाएंगे ! परंतु पाकिस्तान के निर्माण के बाद वहां की सेना ने अपने देशवासियों को अपना महत्व दिखाने के लिए जम्मू कश्मीर पर कब्जा करने के लिए 26 अक्टूबर 1947 को हमला कर दिया ! महाराज की छोटी सी सेना इस हमले का मुकाबला नहीं कर सकी तथा 28 अक्टूबर1947 तक पाक सेना श्रीनगर से केवल 60 किलोमीटर दूर बारामूला तक आ चुकी थी ! इसी प्रकार जम्मू क्षेत्र में भी काफी अंदर तक यह सेना पहुंच चुकी थी ! इस हमले से घबरा कर हरीसिंह ने 28 अक्टूबर को भारत में विलय का निर्णय ले लिया ! इसके बाद 28 अक्टूबर की रात्रि में ही भारतीय सेना ने हवाई मार्ग से श्रीनगर पहुंचकर पाकिस्तानी सेना को इस क्षेत्र से बाहर भगाना शुरू कर दिया !

इसके कुछ दिन बाद एक गंभीर भूल करते हुए भारत सरकार ने पाकिस्तान के इस हमले को संयुक्त राष्ट्र संघ में उठा दिया जिसके बाद वहां पर युद्ध विराम की घोषणा कर दी गई जो अभी तक यथावत स्थिति में लागू है और इसी के कारणअभी तक कश्मीर का कुछ हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में है जिसे पाक अधिकृत का कश्मीर के नाम से पुकारा जाता है ! ! कश्मीर मुस्लिम बहुल होने के कारण यहां पर शेख अब्दुल्ला का राजनीतिक प्रभाव था और शेख अब्दुल्ला की भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू से निकटता थी ! इस निकटता का फायदा उठाते हुए शेख ने महाराज के शासन समाप्त होने के बाद राज्य में सामंत शाही चलाने के लिए धारा 370 के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री पर दबाब बनाना शुरू कर दिया ! इसके फल स्वरुप 1950 में राष्ट्रपति के अध्यादेश के द्वारा राज्य मैं भारतीय संविधान की धारा दर 370 की घोषणा कर दी गई ! उस समय भारतीय संविधान को तैयार किया जा रहा था परंतु इस धारा को बिना संविधान कमेटी की मंजूरी के ही संविधान में जोड़ दिया गया ! इस धारा के अनुसार राज्य का अलग संविधान,झंडा तथा न्याय व्यवस्था होगी ! जम्मू कश्मीर राज्य की केवल बाहरी सुरक्षा,संचार तथाआर्थिक मुद्रा के अलावा सारे विषय राज्य की सरकार के अधीन होंगे ! ! भारतीय संविधान की केवल ९ धाराएं तथा 29 धाराएं बदलाव के बाद राज्य में लागू होगी ! हालांकि राज्य में नागरिकों को मौलिक स्वतंत्रता के अधिकार दिए गए परंतु आंतरिक सुरक्षा के नाम पर उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता था ! इसके अतिरिक्त राज्य के किसी भी निवासी की जमीन वहां की सरकार बिना मुआवजा दिएअधिकृत कर सकती थी ! इससे भी शेख अब्दुल्ला संतुष्ट नहीं हुई क्योंकि इस स्थिति में भी देश के अन्य भागों के लोग राज्य में आकर बस कर वहां पर संपत्ति खरीद सकते थे !

इसको रोकने के लिए शेख ने संविधान में धारा 35 ए को नेहरू के द्वारा 1955 में जुड़वाया जिसके अनुसार राज्य की नागरिकता का निर्णय वहां की विधानसभा करेगी तथा राज्य के नागरिक के अतिरिक्त राज्य में भूमि या संपत्ति खरीदने का अधिकार बाहर के नागरिकों को नहीं होगा ! इसके अलावा यदि राज्य की कोई स्त्री बाहर शादी करती है तो उसके बाद वहां की संपत्ति पर उसका अधिकार समाप्त हो जाएगा ! धारा 370और 35 ए ने राज्य में दोबारा से राजनीतिक सामंत शाही स्थापित कर दी !इस प्रकार वहां की जनता दोबारा से गुलामी की जंजीरों में जकड़ ली गई !

राज्य में आतंकवाद को बढ़ावा देने और यहां पर सामंती आतंक स्थापित करने में सबसे बड़ा सहयोग यहां पर भारतीय अपराध कानून (आईपीसी ) के स्थान पर रणवीर सिंह पुरा एक्ट का लागू होना था ! हरि सिंह से पहले राजा रणवीरसिंह राज्य के शासक थे इन्होंने अपनी सामंती व्यवस्था को और भी मजबूत करने तथा जनता में अपना भय स्थापित करने के लिए इस एक्ट को लागू किया ! धारा 370 और 35 ए तथा रणवीर सिंह पुरा एक्ट के कारण स्वतंत्र जम्मू कश्मीर राज्य में राजनीतिक सामन्त शाही स्थापित हो गई ! बाहरी निवेश ना आने तथा औद्योगिक विकास न होने कारण राज्य में रोजगार के साधन केवल सरकारी नौकरियां तथा पर्यटन के क्षेत्र में के रूप में ही रह गई !

राज्य में आतंकवाद के फलने फूलने के कारण वहां पर बेरोजगारी बढ़ गई ! सरकारी नौकरियां भी वहां के सताधारी राजनीतिकों के कृपा पात्र को ही मिलती थी ! इसका वर्णनन जम्मू कश्मीर के भूतपूर्व राज्यपाल जगमोहन ने अपनी पुस्तक माय फ्रोजन टर्बूलेंस में की है ! इसमें वर्णन है कि एक बार फारूक अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री काल मे राज्य पुलिस में 120 सब इंस्पेक्टर की भर्ती की जानी थी ! उसी समय राज्य मंत्रिमंडल की बैठक किसी अन्य विषय पर हुई ! इस बैठक में मंत्रियों ने अपने निर्धारित विषय को छोड़कर सब इंस्पेक्टरके पदों के लिएअपनी मांगे उठानी शुरू कर दी !जिसके कारण मंत्रिमंडल में झगड़े की स्थिति बन गई ! सभी मंत्रीअपने चाहतों के लिए इन पदों की मांग कर रहे थे और आखिर में मीटिंग एक झगड़े में परिवर्तित हो गई ! इस प्रकार की स्थिति में वहां के नागरिकों को देश के अन्य राज्यों की तरह समान अधिकार तथा अवसर प्राप्त नहीं हो रहे थे जो उनकी गरीबी और बेरोजगारी का मुख्य कारण था !

उपरोक्त स्थिति को देखकर पाकिस्तान ने मुस्लिम कट्टरपंथ तथा जम्मू-कश्मीर की आजादी की मांग को लेकर आतंकवाद फैलाना शुरू कर दिया ! बेरोजगारी के कारण यहां के नौजवान निराश होकर पाकिस्तान के आतंकी गुटों में भर्ती होकर पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी संगठनों के कैंपों में जाकर प्रशिक्षण लेकर कश्मीर में हिस्सा फैला रहे थे ! ऐसे ही युवक कश्मीर के विभिन्न भागों में धरने प्रदर्शन करते थे !आतंकवाद को फैलाने में बहुत से कश्मीरी एजेंट पाकिस्तान की आई एस कीआई मदद करते थे ! परंतु यहां पर रणवीर सिंह पुरा एक्ट के ऐसे अपराधों के विरुद्ध अप्रभावशाली और नाकाम होने के कारण आतंकवाद को बढ़ावा देने औरसहयोग देने वाले कश्मीरी एजेंट बच निकलते थे और कश्मीर मेंआतंकवाद फल फूल रहा था ! इस स्थिति को विश्वपटल पर दिखाकर पाकिस्तान कश्मीर में असंतोष के नाम पर जम्मू कश्मीर की आजादी की मांग करता था !

 अगस्त 1947 के अपने इरादे जम्मू कश्मीर पर कब्जे के लिए उसने लश्करे- तैयबा जैसे-मोहम्मद तथा हरकत उल मुजाहिदीन इत्यादि आतंकी गुटों के आतंकियों को कश्मीर में भेजकर अपने स्लीपिंग एजेंटों की मदद से जगह-जगह हमले करने शुरू कर दिए उनके मुख्य टारगेट हिंदू आबादी तथा कश्मीर में सुरक्षा बल होते थे ! ऐसी स्थिति में कश्मीर घाटी में रहने वाले कश्मीरी पंडितों का रहना असंभव हो गया जिस कारण 3 लाख कश्मीरी पंडितो नेकश्मीर से पलायन करके देश के विभिन्न भागों में शरण ली ! इस प्रकार केहिंसक वातावरण के कारण कश्मीर का मुख्य व्यवसाय पर्यटन भी ठप हो गया तथा चारों तरफ हिसा और आतंक का माहौल फैल गया ! इस प्रकार की स्थिति मेंकश्मीरी जनता की मदद करने के लिए इस राज्य को अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा केंद्रीय सहायता दी जा रही थी ! परंतु इस आर्थिक सहायता के अधिकांश भाग को सत्ताधारी राजनीतिज्ञ भ्रष्टाचार के द्वारा बांट लेते थे जिससे आम जनता तक इसका लाभ नहीं पहुंचता था ! ऐसी स्थिति में संसाधन विहीन कश्मीरी जानता आतंकियों के इशारों पर कश्मीर की आजादी की मांग के लिए धन्य प्रदर्शन करते रहे जिन्हें पाकिस्तान विस्व पटल पर दिखाकर भारत के विरुद्ध माहौल बनाने की कोशिश करता था !


परंतु 6 अगस्त 2019 में धारा 370 और 35A हटाने के बाद से जम्मू कश्मीर भी भारत के अन्य प्रदेशों की तरह बन गया है जहां देश का संविधान तथा न्याय व्यवस्था लागू होने लगी ! जम्मू कश्मीर की अंतरिक्ष सुरक्षा देश के अन्य राज्यों की तरहबनने के कारण आतंकियोंऔर उनके समर्थकों के ठिकानों को ढूंढकर समाप्त करने में कानून की पूरी सहायता मिलने लगी ! संपत्ति तथा नागरिकता के अधिकार मिलने के कारण कश्मीर में बाहर से निवेश आने लगा जिससे यहां का आर्थिक विकास हुआ जिसे उमर अब्दुल्ला द्वारा वहां की विधानसभा में 6 अगस्त को पेश किया गया ! व्यवस्था में इस प्रकार के परिवर्तन से आतंकवाद कश्मीर से करीब- करीब समाप्त हो चुका है इस कारण देश के विभिन्न भागों से पर्यटक कश्मीर में जाकर वहां की आर्थिक दशा को सुधारने में सहयोग दे रहे हैं !

धारा 370 ने जम्मू कश्मीर के निवासियों को अंग्रेजों की गुलामी से सीधासामंत शाही की गुलामी में जकड़ रखा था ! जिसके कारण पृथ्वी पर स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर मेंचारों तरफ आतंक और भाय का वातावरण था परंतु अब 6 अगस्त2019 से कश्मीर दोबारा से पृथ्वी का स्वर्ग कहा जाने लगा है इससे पाकिस्तान के इरादे चकनाचूर हो चुके हैं !

कश्मीर को दोबारा पृथ्वी का स्वर्ग बनाने के लिए भारत सरकार बधाई की पात्र है !

Shivdhan Singh

Service - Appointed as a commissioned officer in the Indian Army in 1971 and retired as a Colonel in 2008! Participated in the Sri Lankan and Kargil War. After retirement, he was appointed by Delhi High Court at the post of Special Metropolis Magistrate Class One till the age of 65 years. This post does not pay any remuneration and is considered as social service!

Independent journalism - Due to the influence of nationalist ideology from the time of college education, special attention was paid to national security! Hence after retirement, he started writing independent articles in Hindi press from 2010 in which the main focus is on national security of the country.