पाक अधिकृत कश्मीर में उठते विद्रोह की सच्चाई

20 May 2024 10:18:02
Pakistan Occupied Kashmir: हालांकि 14 मई को पाक अधिकृत कश्मीर में लंबे समय से पनपते विद्रोह को चिंगारी वहां पहले से बढ़ती महंगाई और खाद्य पदार्थों के संकट के कारण मिली ! परंतु इसकी आग लंबे समय से वहां पर जल रही थी ! इसका मुख्य कारण है इस क्षेत्र को पाक सरकार द्वारा गुलाम देश की तरह समझना ! जिसके द्वारा पाकिस्तान सेना इस क्षेत्र का दुरुपयोग यहां पर चारों तरफआतंकी ट्रेनिंग कैंप स्थापित करके कर रही थी ! इन आतंकवादियों को विश्व के अन्य भागों में जैसे अफगानिस्तान इत्यादि में भेजा जाता था जोवहां परआतंकी गतिविधि करके यहां पर लौट आते थे !

Pakistan Occupied Kashmir

इसके कारण इस पूरे क्षेत्र में आतंक और भय का वातावरण स्थापित है !ठीक उसी प्रकार जिस तरह प्माफिया और अंडरवर्ल्ड काआतंक अपने क्षेत्र में होता है ! इन्हीं आतंकियों के द्वारा भारतीय कश्मीर में भी पाकिस्तान सेना नेआतंकवाद फैलाने की नाकाम कोशिश की परंतुवहां पर 2019 में धारा 370 हटाने के बाद यह आतंकवाद करीब करीब समाप्त हो चुका है ! अब भारतीय कश्मीर में चारों तरफ प्रगतिऔर विकास की धारा बह रही है ! पड़ोसी क्षेत्र होने के कारण इसकी पूरी सूचना पाक अधिकृत कश्मीर में भी पहुंचने लगी जिसके देखते हुए पाक अधिकृत कश्मीर की जनता में पहले से ही उठ रही विद्रोह की भावना कोऔर भी बल मिल गया !

15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ तथा बंटवारे के द्वारा पाकिस्तान का निर्माण हुआ ! आजादी के समय पूरे भारत में राजाओं और नवाबों की 544 रियासतें थी जिनको भारत तथा पाकिस्तान में विलय होने के लिए अंग्रेजों ने कानून बनाया ! जिसके अनुसार रियासत के शासक की सहमति और रियासत की भौगोलिक स्थिति के अनुसार इसका विलय भारत या पाकिस्तान में होना था ! इस कानून के अनुसार केवल जम्मू कश्मीर के अलावा सारी रियासतों का विलय भारत या पाकिस्तान में हो गया था ! मोहम्मद अली जिना ने पाकिस्तान का निर्माण केवल सांप्रदायिक भावना से किया था ! इसलिए इसका फायदा उठाकर पाकिस्तान की सेना ने वहां मुस्लिम कट्टरपंथियों को बढ़ावा देते हुए वहां की सत्ता पर अपना नियंत्रण करना शुरू कर दिया और इसी को और बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान सेना ने मुस्लिम बहुल कश्मीर पर 25 अक्टूबर 1947 को अचानक हमला कर दिया ! इन हमलावरों को कव्वालियों का नाम दिया गया जबकि यह हमलावर पाकिस्तान सेना के ही सैनिक कव्वालियों की वेश में थे !

कश्मीर के राजा हरीसिंह की सेना इन हमलावरों का मुकाबला नहीं कर सकी इसलिए 27 अक्टूबर तक यह हमलावर बारामूला तक आगे आ चुके थे जो श्रीनगर से केवल 60 किलोमीटर दूर है ! इसको देखते हुए 27 अक्टूबर को राजा हरिसिंह ने शाम को 8:00 बजे भारत में विलय होने का निर्णय लिया इसके बाद उसी रात्रि को भारतीय सेना की टुकड़ियों श्रीनगर हवाई अड्डे पर वायु मार्ग से पहुंची !और भारतीय सेना ने पाकिस्तानी हमलावरों को पीछे धकेलना शुरू कर दिया ! इसके चलते कुछ दिनों के बाद ही भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तानी हमले के मुद्दे को उठा दिया ! इसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने युद्ध ग्राम की घोषणा कर दी !और उसी का परिणाम है कि आज भी पाकिस्तान 1947 में अवैध रूप सेकब्जा किए हुए कश्मीरी हिस्से पर काबीज है ! जिसे पाक अधिगृहीत कश्मीर के नाम से पुकारा जाता है ! जबकि पाकिस्तान इसकोआजाद कश्मीर का नाम देती है !जबकि वास्तव में जहांपूरा भारत और पाकिस्तानआजाद हैवहीं परपाक अधिकृत कश्मीर अभी भी गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ है !

पाकिस्तान ने दिखावे के लिए अपने कब्जे वाले कश्मीर क्षेत्र कोआजाद कश्मीर का नाम दिया तथा मुजफ्फराबाद को इसकी राजधानी बना दिया ! एक स्वतंत्र देश का दिखावा करने के लिए यहां पर लोकसभा तथा विधानसभाओं का भीनिर्माण किया गया तथा सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट की भी स्थापना की गई !परंतु यह सारा जनतांत्रिक ढांचा केवल दिखावा मात्र है क्योंकि पाक अधिकृत कश्मीर पर एक गुलाम देश की तरह पूरा नियंत्रण पाकिस्तान सरकार का ही है ! यहां पर नियंत्रण के लिए पाकिस्तान में कश्मीर कमेटी का गठन किया गया जिसमें14 सदस्य हैं जिनमें केवल 6 सदस्य कश्मीर से हैं ! कश्मीर संबंधी सारे नीतिगत फैसले यही कमेटी लेती है और इस कमेटी केनिर्णय के आधार परपाकिस्तान सरकारअपना शासन वहां पर चलती है !इस कमेटी में पूरा नियंत्रण पाकिस्तानी सदस्यों का ही होता है जिसके कारणअधिग्रहीत कश्मीर मेंपाकिस्तान के अन्य भागों की तरह पाकिस्तान के संसाधनों का प्रयोग नहीं किया गया !

इस तरह की शासन व्यवस्था के कारण ही पाकिस्तान के मुख्य भाग की तरह वहां की नीतियां इस क्षेत्र में लागू नहीं होती !जिसके कारण इस क्षेत्र में गरीबी और पिछड़ापन पाकिस्तान के अन्य भाग से भी ज्यादा फैला हुआ है ! यहां पर स्थिति को और भी भयावह औरअशांत करने के पीछे इस क्षेत्र में पाकिस्तान सेना के द्वारा स्थापित आतंकवादी कैंप है ! जिनमे मुस्लिम कट्टरपंथियों नेइनको इस्लाम का नाम देखकर यहां की जनता को और भी गुमराह किया हुआ है !इन आतंकवादियों के द्वारा पाकिस्तान सेना भारत के कश्मीर में आतंकवाद चलती थी ! यह आतंकी कश्मीर क्षेत्र मेंआतंक के साथ-साथ पाक अधिकृत कश्मीर में भी आतंक का वातावरण बनाकर रखते है ! इस वातावरण का फायदा उठाकर पाकिस्तान के सामंतों और सेना के अधिकारियों ने यहां पर जमीनों पर अवैध कब्जे किएऔर अपनी अय्याशियों के लिए फार्म हाउस तथा हॉलीडे होमो का निर्माण किया ! पाकिस्तान के मुख्य भाग की तरह यहां पर रोजगार के लिए औद्योगिकरण पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया ! इसके अलावा उच्च शिक्षा तथा चिकित्सा के लिए संसाधनों को निर्माण नहीं किया गया ! इस सब के कारण पूरा पाक अधिकृत क्षेत्र पिछले 75 सालों से गुलामी झेल रहा है ! जिसके परिणाम स्वरुप पूरे दक्षिण एशिया में यह सबसे पिछड़ा क्षेत्र कहलाता है !

भारत के कश्मीर को भारत से अलग होने वाला दिखाने के लिए पाकिस्तान की सेना ने कश्मीर घाटी में हुर्रियत कांफ्रेंस जैसे सांप्रदायिक संगठनओ की आड़ मेंअपना आतंकी जाल फैला कर वहां पर हिंसा तथातथा अशांति का वातावरण बनाने की कोशिश की ! धारा 370 के कारण पूरे जम्मू कश्मीर राज्य में भारतीय कानून व्यवस्था लागू नहीं होती थी जिसके कारण आतंकी सरगनाओं पर कानूनी शिकंजा नहीं कसा जा सका ! इसी वजह से जगह-जगह आतंकी हमले हुए और वहां की जनता में डर और आतंक का वातावरण स्थापित हो गया ! धारा 370 के कारण पूरे जम्मू कश्मीर में कोई निवेशक जमीन नहीं खरीद सकता थाऔर इसी का परिणाम था कि पूरे राज्य में उच्च शिक्षा उद्योग तथाआधुनिक चिकित्सालय का निर्माण नहीं हो सका ! इसको देखते हुए पाक अधिकृत कश्मीरकी तरह यहां पर भी बेरोजगारी और शिक्षा का बोलबाला हो गया था !

हिंसा का माहौल होने कारण कश्मीर घाटी में रोजगार के मुख्य साधन पर्यटन पर भी इसका बुरा असर पड़ाऔर टूरिस्टओ ने कश्मीर घाटी में आना बंद कर दिया ! भारत में राजनीतिक तुष्टीकरण के कारण 2019 तक धारा 370 इसी प्रकार चलती रही ! परंतु ने2019 में मौजूदा सरकार ने धारा 370 को हटा कर इस राज्य को देश की मुख्य धारा मेंजोड़ दिया ऍ इसके बाद यहां पर देश के अन्य भागों की तरह चारों तरफ उच शिक्षा, औद्योगिक तथा आधुनिक चिकित्सा के के संसाधनों की स्थापना हुई ! इसके द्वारा शीघ्रता से जम्मू कश्मीर देश के अन्य भागों की तरह प्रगतिशील बनकर यहां पर चारों तरफ संपन्नता फैलने लगी !

पड़ोसी क्षेत्र होने के कारण जम्मू कश्मीर की खुशहालीऔर संपन्नता की खबरें पाक अधिग्रहीत कश्मीर में पहुंचने लगी जिसको देखकर वहां की जनता में भी अपनी बदहाली और दोयम दर्जे के बर्ताव के कारण विद्रोह की भावनाओं ने एक बार फिर अपना सिर उठाना शुरू कर दिया !और इसी का परिणाम है कि अभी 14 मई को खुलेआम वहां की जनता पाक शासन के विरुद्ध सड़कों पर आ गई और पाकिस्तान से अलग होने की लंबे समय की इच्छा को ही वहां की जनता ने दृढ़ता से उठाया ! लंबे समय से इस क्षेत्र की जनता कश्मीर के मुख्य भाग से जुड़ना चाहती है !और अब यह आवाज खुलेआम सड़कों पर उठाई जा रही है कीपाक अधिग्रहीत कश्मीर का विलय मुख्य कश्मीर में किया जाना चाहिए !

पाकिस्तान में शुरू से हीपंजाबी प्रांत का दबदबा रहा है ! सेना में ज्यादातर उच्च स्तर के अधिकारी इसी प्रांत से आते हैं ! आजादी के समय से ही इसी प्रांत के सैनिक अधिकारियों ने वहां की सत्ता पर अपना कब्जा रखा जिसके परिणाम स्वरुप ही बांग्लादेश का निर्माण हुआ क्योंकि1970 के आम चुनाव में शेख मुजीबुर रहमान को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के लिए पूरी तरह से पाकिस्तानी जनता का मत मिल चुका था ! परंतु वहां केसेना के बड़े अधिकारियों को यह पसंद नहीं थाऔर सैनिक तानाशाह यायाह खान नेशेख मुजीब को प्रधानमंत्रीबनाने से मना कर दिया !

जिसके कारण तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में उग्र विद्रोह हुआऔर इस प्रकार बांग्लादेश का निर्माण हुआ ! इसी तरह बलूचिस्तान को भी पूर्वी पाकिस्तान और पाक अधिग्रहीत कश्मीर की तरह ही प्रताड़ित किया जा रहा है ! जिसके करण चारों तरफ बलूचिस्तान में पाकिस्तानी शासन के विरुद्ध लंबे समय सेआवाज़ उठती रही हैं ! इसी कारण यहां के विद्रोहियों को पाकिस्तान सेना या तो घूम कर देती है या उन्हें मार देती है ! इसका सबसे बड़ा उदाहरण है 26 अगस्त 2006 को वहां के एक लोकप्रिय नेताअकबर बुगती को एक गुफा में जाकर पाकिस्तान की सेना ने कत्ल किया था ! इसके विरुद्ध वहां के न्यायालय में पाकिस्तान सेना के विरुद्ध मुकदमा चलाया गया परंतु सबूत के अभाव में तत्कालीन सेना प्रमुख जनरलमुशर्रफ को पाक अदालत ने2016 में बरी कर दिया था !परंतुअभी भी बलूचिस्तान में पाकिस्तान से अलग होने की भावनादबी नहीं है बल्कियह और भी जोरदार तरीके से बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के नाम सेउठी है !और यह संगठनपाकिस्तान की सेनाऔर इस क्षेत्र में काम करने वाले चीनी कर्मियों पर अपनी आजादी के समर्थन में हमला करता है !

इस सब को देखते हुए वो दिन दूर नहीं जब बांग्लादेश की तरह पाकिस्तान से पाक अधिकृत कश्मीरऔर बलूचिस्तान भीअलग होकर एकअलग देश बनेंगे !
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