भारतीय संस्कृति में युगों से महिलाएं साहस और शक्ति का प्रतीक मानी जाती रही है ! इसके साथ ही वे कुशल प्रशासक,शिक्षक और, योद्धा भी रही है ! रानी लक्ष्मीबाई ने अकेले अंग्रेजों से लोहा लिया रानी अहिल्याबाईने सफलतापूर्वकमालवा पर शासन कियाऔर इसी प्रकार के अनेक उदाहरणदेश के इतिहास मेंदर्ज है ! छत्रपति शिवाजी को योद्धा केवल उनकी मां जीजाबाई नहीं ही बनाया था ! परंतु दुर्भाग्य से दसवीं सदी से लेकर 19वीं सदी तक भारत गुलाम रहा और गुलामी के समय भारतीय समाज को कमजोर बनाने के लिए विदेशी शासको ने भारतीय नारियों पर अत्याचार करने शुरू किया जिसके कारण नारियों को घरों में बंद करकेपर्दे मेंरहने के लिए मजबूर किया गया !
परंतु आजादी के बाद भारतीय महिलाओं को अच्छी शिक्षा और उन्हें अपने विकास के सारे अवसर प्रदान किए जिससे महिलाओं ने देश की आंतरिक सुरक्षा,, प्रशासन, शिक्षा तथा अन्य क्षेत्रों में अपना बराबरी का योगदान देना शुरू किया !और इसी का परिणाम है कि आज देश के हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर देश की उन्नति में अपना योगदान दे रही है ! परंतु आजादी के बाद काफी समय तक देश की सेना में सेवाका अवसर पुरुषों को ही दिया जाता रहा ! महिलाओं द्वारा देश के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए 1992 में भारत सरकार ने सेना में महिलाओं को अफसर बनाने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी और इसके बाद थल सेना में अल्पकालिक सेवा आयोग स्कीम के द्वारा इनको 10 वर्ष की आवश्यक सेवा के बाद 4 साल की अतिरिक् सेवा काअवसर प्रदान किया जाता है !10 साल की सेवा के बाद इनमें चयनित महिला अफसरओ को नियमित पूर्ण कालीन सेवा का अवसर भी प्रदान किया जाता है !और इसी का परिणाम है कि1992 से लेकर 2023 तक6993महिला अफसर तथा100 महिलाएं सैनिक के रूप में अब तक अपनी सेवाएं दे चुकी है !
अब अग्निवीर योजना के तहत अकेले नौसेना में1000 अग्नि वीर महिलाओं को भर्ती किया जा रहा है ! महिलाओं के सैन्य सेवा में प्रदर्शन और लगन को देखते हुए 2023 से उन्हें नियमित स्थाई कमीशन स्कीम के तहत भारतीय रक्षा अकादमी खड़कवासला पुणे में भर्ती किया गया है जहां से वह पुरुषों की तरह ट्रेनिंग पूरी करके भारतीय रक्षा अकादमी देहरादून से पूरी सेवा के लिए अफसर बनेगी ! शुरू में इन्हें थल सेना में लिया जाता था परंतु कुछ समय बाद ही महिलाओं को वायु तथा नौसेना में भी सेवा का अवसर प्राप्त किया जाने लगा है !
थल सेना में इन्फेंट्री तथा आर्म्डकोर ( टेंक कोर ) दुश्मन से आमने-सामने का युद्ध लड़ती है और युद्ध में कभी-कभी दुश्मन सैनिकों के साथ द्वंद्व और हाथापाई तक की नौबत आ जाती है !जैसा की 1971 के युद्ध में फाजिल्का की सीमा पर भारत के मेजर नारायण सिंह ने पाकिस्तान के मेजर शरीफ के साथ कुश्ती लड़ी थीऔर अभी-अभी 2019 में गलवान में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लाठी डंडों से युद्ध लड़ा गया था ! इसको देखते हुए इन्फेंट्री और आर्मर्ड कोर के अलावा सेना के अन्य 11 विभागों इंजीनियर, सिग्नल, आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस कोर इत्यादि प्मैं महिलाओं को अफसर के रूप में सेवा के अवसर पर प्रधान किए जा रहे हैं !
महिलाओं को सैनिक के रूप में आर्मी सर्विसकोर, आर्मी ऑर्डनेंस तथा मिलिट्री पुलिस इत्यादि में भर्ती किया जा रहा है ! वही पर वायुऔर नौसेना की सेवा में दुश्मन से सीधा आमना सामना न होने कारण इन्हें बिना लिंग का भेदभाव किये हर विभाग में सेवा का पूरा अवसर प्रदान किया जाता है ! वायुसेना में अब महिलाएं लड़ाकू विमान भी कुशलता से उड़ा रही हैं जिसका उदाहरण है1999 के कारगिल युद्ध में स्क्वाड्रन लीडर सक्सेना का जिन्होंनेअपने हेलीकॉप्टर द्वारा युद्ध में घायल सैनिकों को वहां से निकाला था ! महिलाओं की अच्छी सेवाओं का ही परिणाम है कि अब वह कमांडिंग ऑफिसर तक के पद पर भी प्रमोशन पा रही है ! अब तक थलसेना में 120 महिलाओं को कर्नल पद के लिए चयनित किया गया है ! वायु सेना में ग्रुपकैप्टन शैलजाधामी एक यूनिट की पहली कमान अधिकारी बनी है ! इसी क्रम में हिमाचल के एक छोटे से गांव से आने वाली सपनाराणा कर्नल बनकर आर्टलेरी यूनिट की कमान अधिकारी बन चुकी है ! प्रेरणा देवस्थली नौसेना के जहाज की कमान अधिकारी तथा सुचिता शेखर सेवा कोर यूनिट की कमान अधिकारी है !
इन्हीं के साथ ही कर्नल गीताराणा सेना की वर्कशॉप की कमान अधिकारी बन चुकी है ! इसी प्रकार के अनेक उदाहरण है जहां महिलाएं सेवा की तीन अंगों में प्रमुख पदों तक पहुंच चुकी है इसके साथ-साथ महिलाएं उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पुरस्कार भी प्राप्तकर रही है ! विंग कमांडर दीपिका मिश्रा कोअप्रैल 20 में वीरता के लिए वायु सेवा पदक से सम्मानित किया गया है ! यह देश के लिए गर्व का विषय है कि भारत के संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विभिन्न देशों में भेजे गए शांति दलों में 20% महिला अधिकारी है ! देश के दुर्गम सीमा स्थान जैसे सियाचिन ग्लेशियर जहां पर अक्सर तापमान-30 डिग्री सेंटीग्रेड से लेकर माइंस 40 डिग्री के बीच रहता है वहां पर इंजीनियर की कैप्टन शिव! चौहान सड़क निर्माण तथा सेना के मोर्चो का रखरखाव कर रही हैं ! कैप्टन सुरभि झकव!ल भूटान के अंदर सेवना की बॉर्डर रोड शाखा के अंतर्गत कार्य कर रही हैऔर मनीषा मिजोरम के राज्यपाल की एडीसी पद पर तैनात है !
इस समय थल सेवना के मेडिकलसेवाकेंद्र तथा कॉलेज की प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल कविता सहाय है जो सेना में एक उच्च पद है !पिछले कुछ सालों सेइस प्रकार महिलाएं सेना के तीनों अंगो में अपनी लगन तथा मेहनत से अपना स्थान बना रही है !इस प्रकार देखा जा सकता है किअल्पकालीन सेवा के बाद नियमित सेवा के लिए चयनित महिलाओं के लिए सेना तरक्कीऔर उच्च पदों के लिए पूरे मौके उपलब्ध करा रही है !पिछले कुछ सालों सेअब महिलाओं को सैनिकों केरूप में भी सेना में लिया जा रहा हैऔर इसके द्वारा 1700 महिला सैनिकों को सेवा में भर्ती किया जा चुका है !
सेना में महिलाओं के करियर प्लानिंग के लिए भारत सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि महिला सैनिक अधिकारियों के करियर की योजना वध तरीके से प्रगति पर एक विस्तृत नीति अपनाई बनाई जा रही है जिसे 31 मार्च तक तैयार कर लिया जाएगा ! इससे महिलाओं के लिए सेना की यूनिटओ में उनके कमान करने के अवसरों तथा करियर के लिए विस्तृत प्रणाली उपलब्ध होगी ! इससे साफ हो जाता है कि अब महिलाएं भी सेना में पुरुषों की तरह अपना करियर बना सकती हैं ! देश के कॉलेजओ में पिछले लंबे समय से लड़कियों के लिए एनसीसी का प्रावधानहै ! इसी के साथ-साथ अभी पिछले साल वृंदावन के वत्सल ग्राम में साध्वी रिताम्बरा ने देश का पहला महिला सैनिक स्कूल स्थापित किया है जिसका उद्घाटन भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने स्वयं किया था !
लड़कों के लिए देश के हर राज्य में सैनिक स्कूल हैं परंतु वृंदावन में महिलाओं को सेना में प्रवेश के लिए तैयार करने वाला यह पहला स्कूल खोला गया है ! अब इस स्कूल की सफलता के बाद देश के अनेक स्थानों पर महिला सैनिक स्कूलों की स्थापना होने की संभावना है ! इस प्रकार एनसीसी तथा यह सैनिक स्कूल देश की यूबतियों को सैन्य सेवा के लिए तैयार करेंगे ! सेवा मेंअपने प्रदर्शन से महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिया है की बे पुरुषों सेकिसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है !
महिलाओं का ज्यादा से ज्यादा सैनिक सेवा के लिए एनसीसी तथा सैनिक और मिलिट्री स्कूलों के द्वारातैयार किए जाने से देश की प्रथमऔर द्वितीय श्रेणी कीसुरक्षा प्रणाली को भीमजबूत किया जा सकता है ! इसके साथ-साथ महिला सशक्तिकरण सेभारतीय समाज भी सशक्त बनेगाऔर कुछ समय के बाद भारत भी विकसित देशों में गिना जाएगा !