चीन और पाकिस्तान के द्वारा पूर्वी पाकिस्तान बनता बांग्लादेश

24 Dec 2024 16:34:55
1971 में जिस पाकिस्तान सेना को पूर्वी पाकिस्तान से भारत ने मार भगाया था 53 साल बाद फिर से पाकिस्तान सेना बांग्लादेश में वापस लौटने लगी है ! इसका मुख्य कारण है काफी लंबे समय से पाकिस्तान की आइ- एस- आई अमेरिका की मदद से बांग्लादेश में मुस्लिम कट्टरापंथियों द्वारा वहां के युवाओं को शेख हसीना के विरुद्ध भड़का रही थी क्योंकि शेख हसीना भारत के साथ मित्रता पूर्ण संबंध रखती थी ! इस कारण भारत की बांग्लादेश से लगती सीमाएं सुरक्षित थी ! परंतु पाक आई एस आई ने परोक्ष युद्ध के द्वारा भारत के लिए एक नया मोर्चा खोलकर उसकी सेना को बांग्लादेश की जमीनी और समुद्र सीमाओं पर अपनी चौकसी बढ़ाने के लिए मजबूर कर दिया है !उसने भारत के लिए युद्ध का एक तीसरा मोर्चा खोल दिया है ! पिछले काफी समय से चीन भी बांग्लादेश में सक्रिय है इसलिए इसमें चीन का भी पूरा सहयोग पाकिस्तान को प्राप्त हो रहा है !

Bangladesh China Pakistan 


शेख हसीना के 16 साल के शासनकाल में बांग्ला देश एक गरीब देश की श्रेणी से निकलकर प्रगतिशील देश की श्रेणी में आ चुका था जो पाकिस्तान सरकार को पसंद नहीं है ! पूर्वी पाकिस्तान का तात्पर्य है कि जिस प्रकार पाकिस्तान में सेना और मुस्लिम कट्टरपंथियों के इशारों पर वहां की सत्ता चलती है उसी प्रकार पूरे 53 साल बाद एक बार फिर इतिहास स्वयं को बांग्लादेश में दोहरा रहा है और यहां पर मुस्लिम कट्टरपंथियों तथा सेना के द्वारा वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया गया है तथा अब वहां पर सत्ता पर नियंत्रण परोक्ष रूप से पाकिस्तान सेना का है ! खुफिया एजेसियो की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के चीफऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल ताहिर शमशाद मिर्जा ने बांग्लादेश को एक प्रस्ताव भेजा है जिसके मुताबिक जन शमशाद मिर्जा खुद बांग्लादेश सेना के ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट—-इन्फेंट्री और टैकटिस स्कूल, डिफेंस सर्विसेज कमांडस्कूल इत्यादि का दौरा करेंगे तथा वहां के स्टाफ कॉलेज में युवा अफसर को संबोधित करेंगे ! बांग्लादेश ने उनके इस प्रताप को स्वीकार भी कर लिया है इस प्रकार जन मिर्जा बांग्लादेश के सेना अधिकारियों को वह सब तरीके और चालें बताना चाहते हैं जिनके द्वारा पिछले 75 सालों से पाकिस्तान की सत्ता सेना के पास है !

पाकिस्तान के निर्माण होने के बाद से ही पाकिस्तान तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान को एक गुलाम देश की तरह रख रहा था ! जिसके क!र1970 के आम चुनाव में शेख मुजीब उर रहमान की पार्टी को पाकिस्तान की असेंबली में पूर्ण बहुमत मिला ! तब शेख मुजीब उर रहमान को एक बंगाली होने के कारण पाकिस्तान के फौजी शासक जन जीया उल हक ने प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं किया तथा उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित भी नहीं किया ! जिसके कारण पूरे पूर्वी पाकिस्तान में असंतोष फैल गया जिसने एक हिंसक विद्रोह का रूप ले लिया ! पूर्वी पाकिस्तान की जनता के इस विद्रोह को दबाने के लिए पाकिस्तान की सेना ने वहां पर दमन शुरू कर दिया जिसके द्वारा वहां पर आतंक कायम करने के लिए सामंत शाही शासको की तरह राजनीति में सक्रिय नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या तथा उन्हें जेल में भरने लगी ! इसके अलावा जनता को आतंकित करने के लिए बंगाली स्त्रियों का बलात्कार खुले आम सेना कर रही थी जिसका परिणाम था की सेना ने 1970- 71 के बीच में तीन लाख बंगाली स्त्रियों के साथ बलात्कार किया ! सेना के इस दमन चक्र के कारण बांग्लादेश के लोग भारत में शरणार्थियों के रूप में प्रवेश करने लगे !

पाकिस्तान की सेना से लोहा लेने के लिए पूर्वी पाकिस्तान में मुक्तिबहानी नामक दल का गठन किया गया ! जिसने पाकिस्तान से ना के विरुद्ध संघर्ष शुरू कर दियाऔर उसके संघर्ष में भारतीय सेना ने भी उसकी सहायता की ! भारत में उस समय एक करोड़ बांग्लादेशी शरणार्थियों ने शरण ले ली थी जिसके कारण भारत की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव पड़ रहा था ! इसके अलावा पूर्वी पाकिस्तान की जनता की हालत देखते हुए भारत सरकार ने निर्णय लिया कि वह अपनी सेना के द्वारा पूर्वी पाकिस्तान को पाकिस्तान के चंगुल से मुक्त करायेगी तथा वहां पर प्रजातांत्रिक व्यवस्था की स्थापना करेगी ! इसके लिए भारत नेअपनी पूरी सैन्य शक्ति के द्वारा पाकिस्तान की सेना पर पूर्वी पाकिस्तान में 3 दिसंबर 1971 को हमला कर दियाऔर16 दिसंबर को ही पाकिस्तान सेना को परास्त करके उसे आत्म समर्पण के लिए मजबूर किया जो पूरे विश्व के लिए एक ऐतिहासिक घटना थी ! क्योंकि इससे पहले विश्व में कहीं पर भी 93 हजार सैनिकों ने इस प्रकार आत्मसमर्पण नहीं किया था ! इस युद्ध में भारत के 7000 सैनिकों ने वीरगति प्राप्त की तथा भारत की एक पंचवर्षीय योजना के बराबर धन इस युद्ध पर खर्च हुआ !

भारत के इतने बड़े सहयोग का कोई उदाहरण विश्व में नहीं मिलता है ! इसके बावजूद भीआज के बांग्लादेश में भारत के विरुद्ध आवाजें उठ रही हैऔर मौजूदा सरकार वहां के हिंदू अल्पसंख्यकों पर मुस्लिम कट्टरपंथियों के द्वारा किए जा रहे अत्याचारों को रोकने में नाकाम हो रही है और एक प्रकार से वहां की सरकार का परोक्ष रूप से इन कट्टरपंथियों को हिंदुओं परअत्याचार करने के लिए पूरा समर्थन है !जिससे तंग आकरयह हिंदू अल्पसंख्यक पाकिस्तान की तरहकिसी और देश में शरण लेने के लिए मजबूर हो जाए !

पाकिस्तान ने बांग्लादेश को दोबारा अपने चंगुल में लेने के लिए मुस्लिम कट्टरपंथियों क! सहारा लिया ! इसके लिए पाकिस्तान सेना नेजमाते इस्लामी की इकाई इस्लामी छात्र शिविर के द्वारा वहां पर युवाओं को अपने प्रभाव में लेने के लिए पिछले काफी समय सेअपनी कोशिश शुरू कर दी थी ! इस्लामी छात्र शिविर के ने शेख हसीना के विरुद्ध उग्र प्रदर्शन करने शुरू कर दिए पाकिस्तान की आईएसआई के इशारों पर बांग्लादेश की सेना ने भी इन्हें सहारा दिया जिसके कारण बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना कोबांग्लादेश से भाग कर भारत में शरण लेनी पड़ी ! पाकिस्तान की इस हरकत में चीन ने उसे आर्थिक सहायता पहुंचाई जिसके द्वारा जमाते इस्लामीअपना यह उग्र प्रदर्शन बांग्ला देश में चला रही थी ! इस्लामी छात्र शिविर के सदस्यों को इसी ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया ! इसके द्वारा इस संगठन के युवाओं नेशेख हसीना की सरकार के विरुद्ध हिंसक प्रदर्शन करके वहां की सत्ता पर कब्जा कर लिया है ! इस संगठन का उद्देश्य बांग्लादेश में भी अफगानिस्तान की तालिबान सरकार की तरह ही उग्रवादी सरकार स्थापित करना है ! इस प्रकार पाकिस्तान और चीन सीमावर्ती भारतीय क्षेत्र में तालिबान के अफगानिस्तान में रूसी सेन! पर हमलो की तरह उसी प्रकार भारतीय सेना पर हमले करने की योजना बना रही है !

सामरिक दृष्टि से पश्चिम बंगाल का सिलीगुड़ी क्षेत्र सिलीगुड़ी गलियारा के नाम से जाना जाता है ! क्योंकिइस क्षेत्र के द्वारा हीपूरे उत्तर पूर्वी राज्यों से भारत का सड़क संपर्क है और इसे सिलीगुड़ी गलियारा या चिकन नेक के नाम से भी पहचाना जा रहा है !चीन पिछले लंबे समय से इस क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है ! इसके लिए1962 के युद्ध के बाद1967 में चीन ने सिक्किम के नाथुला पर हमला किया था जिसको सिक्किम में भारतीय सेना केअधिकारी जन नाथू सिंह नेअपनी वीरता के द्वारानाकाम कर दिया था ! वे स्वयं नाथुला मेंसैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर युद्ध लड़ रहे थे ! उनकी इस वीरता के कारण भारतीय सेना ने उच्च मनोबल के द्वारा चीनी सेना को पर!!स्त किया और उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर किया ! हालांकि जन नाथू सिंह को इसके लिए भारत सरकार की इजाजत नहीं थी ! फिर भी उन्होंने इसकी परवाह ना करते हुए यह युद्धलड़ा और पूरी सिक्किम की सीमाओं को सुरक्षित किया !2017 में दोबारा सिलिगुड़ी कॉरिडोर पर कब्जा करने के लिए चीन ने ढोकलाम में सड़क निर्माण करकेअपनी सैनिक गतिविधि बढ़ाने की योजना बनाई जिसको एक बार फिर भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था ! 2019 मेंपूर्वी लद्दाख में चीन की सेना को करारा जवाब देने के बाद भारतीय सेना नेचीनी सेना कोअपनी शक्ति का परिचय दे दिया हैऔरचीन को यह सिद्ध कर दिया है कीअब भारत1962 वाला भारत नहीं है बल्कि वहदक्षिण एशिया की एक बड़ी शक्ति है जो चीन कोहर मोर्चे पर जवाब देने के लिए सक्षम है !भारत की उभरती हुई छवि को देखते हुए चीन नेबांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार को गिराने में पाकिस्तान की मदद की है ! क्योंकि शेख हसीनाभारत के साथ मित्रता पूर्ण संबंध रखती थी !
औरउसकी प्रगतिशील नीतियों के कारण बांग्लादेश गरीब देशकी सूची से निकलकर विकासशील देशों की सूची में पहुंच चुका था ! परंतु अब वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान की तरह हीबांग्लादेश में भी मुस्लिम कट्टरपंथियों और उग्रवादियों के द्वाराचारों तरफ हिंसा का माहौल होगाऔर वह भीआर्थिक दृष्टि से पाकिस्तान की श्रेणी में पहुंच चुका होगा !

पिछले कुछ समय से भारत और चीन के बीच में संबंधों को सुधारने की प्रक्रिया चल रही है ! इसके द्वारा दोनों देश सीमाओं पर तनाव कम करने का प्रयास कर रहे हैंऔर दोनों देशों के बीच में जो समस्याएं हैं उन्हें भी सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है ! परंतु भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि चीन का धोखा देने का एक पुराना इतिहास रहा है जिसके द्वारा वह बार-बार भारत कोधोखा देता है ! 1955 में भारत और चीन के बीच में पंचशील समझौता हुआ था जिसके द्वारा दोनों देश एक दूसरे की सर्वभौमिता की रक्षा करते हुए सीमाओं पर शांति रखेंगे !परंतु इसके फौरन बाद1957 में ही चीन ने भारत के अक्साई चिन्ह जिसका क्षेत्रफल38000 वर्ग किलोमीटर है पर कब्जा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी ! चीन कि इस हरकत के बारे में तत्कालीन भारत के सेना प्रमुख जनरल थिमैया ने प्रधानमंत्री नेहरू को इससे अवगत करायाऔर भारतीय सेना को चीन से मुकाबला करने के लिए तैयार करने के लिए धन की मांग की जिसको नेहरू ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि चीन उनका मित्र है और चीनसे भारत को कोई खतरा नहीं है !

मगरउसके बाद चीन ने 1962 में भारत पर हमला कियाऔरअक्साई चिन क्षेत्र पर पूरा कब्जा कर लिया !इसके अलावा चीन ने फिर 1967 मेंहमला किया और पिछले लंबे समय से वह भारत के अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का नाम देता रहा है ! इसी क्रम मेंभारत और चीन के बीच में सीमाओं पर झड़प चलती रही है जिसका उदाहरण 2019 में हुईझड़प है !1996 के समझौते के अनुसार भारत और चीन के सैनिक सीमा पर विश्वास बहाली के लिए बिना हथियारों के ग्ग स्त करने का समझौता हुआ था ! इसी के अनुसार भारतीय सैनिक 2019 में सीमा पर बिना हथियारों के पहुंचे जबकि चीनी सैनिक छुपा के अपने साथ कटीले तार लगे हुए डंडे लेकर आएऔर इससे उन्होंने भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया ! जिसका जवाब भारतीय सैनिकों नेवीरता से चीनी सैनिकों को दियाऔर उन्हें वहां से पीछे भग! दिया ! अभी पिछले काफी समय से चीन भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में अपनी गतिविधि बढ़ाने के लिए भारत के सिलिगुड़ी कॉरिडोर पर कब्जा करना चाहता है और अपने इस मकसद को वह बांग्लादेश के द्वारा पूरा करना चाहता है !इसलिए भारत कोअबअपनी पूर्वी सीमाओं परऔर भी ज्यादा चौकसी बरतने की जरूरत होगी !

उपरोक्त को देखते हुएअब भारत कोबांग्लादेश से इस प्रकार निपटना चाहिए जिस प्रकार वह पाकिस्तान से निपट रहा है !इसको देखते हुए भारत को उसकीविकास योजनाओं से तब तक दूर रहना चाहिए जब तक कि वह वहां पर हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा नहीं करता और पाकिस्तान तथा चीन के प्रभाव सेअपने आप को अलग नहीं करता ! जैसे की खबरें आ रही है रोजाना बांग्लादेश में हिंदुओं के पूजा स्थलों को तोड़ा जा रहा हैऔर उनकी स्त्रियों के साथ बलात्कार तथा उनके बेज्जती की जा रही है !
 
जबकि1971 मेंभारत ने अपने 7000 सैनिकों की बली तथा अपने एक पंचवर्षीय योजना का धन बांग्लादेश पर इसलिए खर्च किया था ताकि बांग्लादेश पाकिस्तान के जंगल से मुक्त होकर एक शांतिपूर्ण देश बन सके ! परंतु जब से वहां पर सत्ता परिवर्तन हुआ है तब सेलगातार हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किए जा रहे हैं !जिसके कारण वहां से हिंदू पलायन करके भारत में शरण लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं !इसलिए भारत सरकार को इस सब को देखते हुएबांग्लादेश के विरुद्ध भी सख्त नीति अपनानी चाहिए जिससे हमारी पूर्वी सीमा सुरक्षित हो तथा वहां पर हिंदुओं को को पूरी सुरक्षा प्राप्त हो सके !



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