संविधान की धारा 370 की सच्चाई

15 Oct 2024 09:56:24
सितंबर 2019 से जम्मू -कश्मीर में फारुख अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स- डेमोक्रेटिक फ्रंट पार्टी लगातार कश्मीर घाटी के निवासियों के सामने धारा 370 का हटाना इस प्रकार दिख रही है जैसे की केंद्र सरकार ने इस राज्य को गुलाम बना लिया हो ! परंतु पूरे राज्य के निवासी धारा 370की सच्चाई को पहचान गए हैं, जिसका प्रमाण उन्होंने लोकसभा और विधानसभा के चुनावों मेंसक्रिय रूप से भाग लेकर प्रदर्शित कर दिया है ! इसके अलावा पूरा विश्व देख रहा है की किस प्रकार पूरे राज्य में धारा 370 हटाने के बाद शांति स्थापित हो गई है और वहां पर चारों तरफ विकास की हवा चलनी शुरू हो गई है ! इसलिए धारा 370 की सच्चाई पूरे देश के सामने लाना आवश्यक है ! आजादी के समय संयुक्त भारत में कुल 544 रियासत थी जिन पर परराजाओं और नवाबों का शासन था !

Article 370 Constitution

रियासतों की भौगोलिक स्थिति के अनुसार इनके विलय के लिए अंग्रेजों ने नीति निर्धारित की ! इसके प्रावधान के अनुसार रियासत के विलय के लिए उसके शासन के सहमति जरूरी थी ! इस नीति के अनुसार जम्मू- कश्मीर और हैदराबाद रियासतों को छोड़कर बाकी रियासतों के शासको ने अपनी रियासतों का विलय भारत या पाकिस्तान में कर लिया था ! आजादी के बाद से पाकिस्तान में सेना ने अपना प्रभाव स्थापित करने के लिए भारत को पाकिस्तानी जनता का सबसे बड़ा दुश्मन दिखाना शुरू कर दिया ! इस दुश्मनी को पक्का करने के लिए पाकिस्तानी सेना ने 24 अक्टूबर 1947 को कश्मीर पर हमला कर दिया ! जिसका मुकाबला महाराजा हरि सिंह की सेना नहीं कर सकी और पाकिस्तान सेना आगे बढ़ती हुई 28 अक्टूबर तक बारामूला में पहुंच चुकी गई थी जो श्रीनगर से केवल 60 किलोमीटर दूर है ! तब महाराजा हरिसिंह ने अपनी जान और अपने राज्य की सुरक्षा की चिंता हुई और उन्होंने 28 अक्टूबर की रात में 8:00 बजेबिना किसी शर्त के भारत में विलय के लिए अपनी सहमति दे दी ! इसके बाद उसी रात को भारतीय सेना को हवाई मार्ग से श्रीनगर भेजा गया ! जहां से उसने पाकिस्तान सेना को पीछे खदेड्ना शुरू कर दिया ! इसी युद्ध में भारत का पहला परमवीर चक्र मेजर सोमनाथ शर्मा को प्रदान किया गया था !

भारतीय सेना पाकिस्तान सेना को पीछे खड़े रही थी उसी समय पंडित नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र संघ में इस विवाद को रखा ! इसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने युद्ध विराम की घोषणा कर दी ! जिस कारण पाक अधिकृत कश्मीर पाकिस्तान कब्जे में रह गया जो अभी भी पाकिस्तान के कब्जे में हैऔरपाक अधिकृत की तस्वीर की जनतापाकिस्तान सरकार के अत्याचारों से ट्त्राहि त्राहि कर रही है ! जम्मू कश्मीर के भारत में विलय के पहले से ही शेख अब्दुल्ला कश्मीर की राजनीति में सक्रिय थे और धीरे-धीरे उन्होंने विलय के बाद राज्य में अपना प्रभाव जमाना शुरू कर दिया ! इसके बाद उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू पर राज्य के लिए विशेष अधिकारों के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया जबकि ऐसी शर्त इस राज्य के विलय के समय महाराजा हरि सिंह ने नहीं रखी थी और ना ही ऐसे कोई विशेष अधिकार किसी और रियासत को दिए गए थे ! 1949 में भारत का संविधान तैयार किया जा रहा था इसलिए शेख अब्दुल्ला के दबाव में पंडित नेहरू ने बिना केंद्रीय मंत्रिमंडल की सहमति के जम्मू कश्मीर राज्य को सुरक्षा, विदेश, वित्त और संचार नीति के अलावा अन्य सभी क्षेत्रों में पूर्ण स्वतंत्रता और अधिकार देने का प्रावधान करने के लिए संविधान में धारा 370 शामिल करने की अनुमति प्रदान कर दी ! इस धारा के अनुसार जम्मू कश्मीर राज्य में भारतीय संविधान का लागू नहीं होगा ! इसके साथ-साथ इस राज्य का अपना अलग संविधान होगा ! इसके साथ हीभारत की न्याय व्यवस्था भीइस राज्य में लागू नहीं होगी ! भारत में अंग्रेजी समय से लागू भारतीय अपराध संहिता (आईपीसी) और सीआरपीसी के स्थान पर रणवीर सिंह पुरा एक्ट लागू किया गया जो जम्मू कश्मीर राज्य में1932 वहां के राजा राजारणवीर सिंह ने लागू किया लागू था !

1949 से धारा 370 के रूप में जम्मू कश्मीर में रियासती सामंत शाही की वापसी हो गई थी ! सामंतशाही को और भी मजबूत करने के लिए शेख अब्दुल्ला के ही दबाव में पंडित नेहरू ने भारत के राष्ट्रपति के आदेश पर धारा 35 A का भी विशेष प्रावधान इस राज के लिए कर दिया था ! इस धारा के अंतर्गत राज्य की विधायिका ही जम्मू - कश्मीर राज्य की नागरिकता प्रदान करने के लिए सक्षम होगी ! इसके अनुसार पूरे राज्य में राज्य से बाहर का कोई व्यक्ति संपत्ति नहीं खरीद सकता था और ना ही उसे इस राज्य में सरकारी नौकरियां ही दी जा सकती थी ! इस प्रकार जम्मू कश्मीर राज्य को भारत से अलग संविधान, न्याय व्यवस्था तथा संपत्ति के अधिकार मिल गए जो रियासती व्यवस्था के समय रियासतों के शासको को प्राप्त थी ! दिखावे के लिए 2019 से पहले यहां पर प्रजातांत्रिकप्रणाली थी परंतु वास्तव में सत्ताधारी राजनीतिक शासक इन शक्तियों को राजाओं और नवाबों की तरह इस्तेमाल कर रहे थे ! बाहरी निवेश न होने के कारण राज्य में रोजगार के अवसर केवल सरकारी नौकरियों के रूप में थे जिनको सत्ता में बैठे सत्तादारी सरेआम बेचते थे या अपने चाहतों को दे देते थे ! इससे चारों तरफ बेरोजगारी फैल गई जिस कारण बेरोजगार नौजवान निराशा में अपराध की दुनिया में प्रवेश करने लगे !

यहां पर अपराधों के नियंत्रण और कानून व्यवस्था के लिए भारत की आईपीसी और सीआरपीसी न्याय व्यवस्था नहीं थी ! रणवीर सिंह पुरा एक्ट जिसको1932 में लागू किया था उसका दायरा इतना सीमित था जिसमें समय के बदलाव के कारण होने वाले तरह-तरह के अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए कोई प्रावधान नहीं थे ! इसके कारणसंगठित अपराध जैसे , ड्रग्स,आतंकवाद और तस्करीजैसे अपराध इस राज्य में पनपने लगे ! पाकिस्तानन ने राज्य की इस स्थिति का फायदा उठायाऔरराज्य में ड्रग्स की तस्करीऔर आतंकवाद को बढ़ावा देना शुरू कर दिया ! पाकिस्तान इन गतिविधियों के द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर की तरहजम्मू कश्मीर परकब्जा करना चाह रहा थाऔर धारा 370 इसमें उसकी मदद कर रही थी ! बांग्लादेश के निर्माण के बाद पाकिस्तान की आईएसआई ने भारत से इसका बदला लेने के लिए पूरी कश्मीर घाटी मेँ मुस्लिम कट्टरपंथियों के रूप में आतंकवादी गतियां के नियंत्रण के लिए अपने एजेंट फैला दिये ! ये एजेंट अपना आतंक स्थापित करने के लिए हिंसा से स्थानीय जनता को डराकर वहां पर अपना जाल बिछाते थे ! जिसके द्वारा पाक समर्थित आतंकी अपनी गतिविधियों के द्वारा पूरे विश्व को यह दिखाने का प्रयास करते थे कि कश्मीर की जनता भारत से अलग होकर स्वतंत्र जम्मू कश्मीर राज्य चाहती है ! इस सब के कारण जब भारत के अन्य भागों में औद्योगीकरण और निवेश के कारण आर्थिक विकास हो रहा था वहीं पर जम्मू कश्मीर राज एक पिछले राज्य के रूप में जाना जाता था ! जबकि आतंकवाद तथा अन्य करण से केंद्र सरकार इस राज्य को अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा केंद्रीय बजट से धन प्रदान करती थी ! परंतु यह धन राज्य के विकास के स्थान पर राज में चारों तरफ व्याप्त भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता था !


जम्मू कश्मीर मेँ व्याप्त अव्यवस्थाऔर भ्रष्टाचार का विवरण इस राज्य के पूर्व राज्यपाल जगमोहन ने अपनी पुस्तक माय फ्रोजन टर्बूलेंस में विस्तार से किया है !इसी पुस्तक में उन्होंने फारुखअब्दुल्ला के मुख्यमंत्री काल की एक कैबिनेट मीटिंग का वर्णन विस्तार से किया है ! उस समय राज्य की पुलिस में 120 सब इंस्पेक्टर के पदों के लिए भर्ती की जानी थी ! उपरोक्त कैबिनेट मीटिंग में मंत्री अपने चाहतों के लिए पदों की मांग में कर रहे थे और आपस में पदों की संख्या के लिए लड़ाई कर रहे थे ! इसी प्रकार वहां की शिक्षा, यातायात तथा अन्य विभागों में पद केवल भ्रष्टाचार या सत्ताधारियों के लोगों को दिए जाते थे ! इस सबसे पूरे राज्य में अव्यवस्था तथा असंतोष फैल गया और इस सबका ही परिणाम था कि जिस प्रकार 1948 में यहूदियों को पूरे अरब देशों से निष्कासित किया गया था उसी प्रकार राज्य की प्रगति में योगदान देने वाले चार लाख कश्मीर पंडितों को हिंसा के द्वारा आतंकियोंऔर कट्टरपंथियों ने कश्मीर से बाहर भगा दिया जिन्होंनेअपने परिवारों के साथ देश के विभिन्न भागों में शरण ली !

पृथ्वी पर स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर राज्य की दुर्गति पिछले काफी समय से भारतीय जनता पार्टी देख रही थी और इस सब दुर्गति में पूरा योगदान धारा 370 और 35a का था ! इसलिए इस राज्य में सही अर्थों में प्रजातंत्र स्थापित करने के लिए जम्मू कश्मीर से राष्ट्रपति द्वारा धारा 370 और 35को सितंबर 2019 में हटवा दिया गया ! जिसके बाद यहां भारतीय संविधान लागू किया गयाऔर अब इस राज्य के दरवाजे बाहरी बाहरी आर्थिक निवेश के लिए खोल दिए गए हैं ! इसके साथ ही यहां पर भारतीय न्याय व्यवस्था लागू होने के कारण आतंकी माफिया का सफाया हो गया है !अब इसी कश्मीर घाटी में जहां चारों तरफ आतंकवाद का बोलबाला था वहां पर पूर्ण शांति है जिसका सबूत वहां पर शांतिपूर्ण संपूर्ण हुए लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव हैं !
अब दोबारा कश्मीर घाटी पृथ्वी कास्वर्ग बन गई हैऔर पूरे विश्व केपर्यटक यहां पर आने लगे हैं ! जिसके द्वारा यहां के लोगों को रोजगार उपलब्ध होने लगा है और यहां के निवासीअपने को सुरक्षित और स्वतंत्र महसूस करने लगे हैं !
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