भीषण गृह युद्ध से बचता भारत– 5 जनवरी को फिरोजपुर के पास पाकिस्तान की आई एस आई का एक बड़ा षड्यंत्र विफल

08 Jan 2022 13:16:24
5 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी पंजाब को 42750 करोड की विकास योजनाएं नए साल के उपहार के रूप में देने के लिए फिरोजपुर जाने वाले थे ! इसके लिए उनका विमान भटिंडा के आशियाना हवाई अड्डे पर उतरा जहां से उन्हें हेलीकॉप्टर के द्वारा फिरोजपुर जाना था जहां पर वह इन योजनाओं की आधारशिला रखने का प्रोग्राम था ! परंतु मौसम के खराब होने के कारण उन्हें सड़क मार्ग से मोगा– फिरोजपुर सड़क के रास्ते फिरोजपुर पहुंचना था ! फिरोजपुर जाने वाली इस सड़क पर पिपरियाना गांव के पास एक फ्लाईओवर पर किसान आंदोलनकारियों के रूप में देश विरोधी तत्वों ने एक षड्यंत्र के रूप में इस राजमार्ग पर एक रोड ब्लॉक लगाया जिससे वे प्रधानमंत्री के काफिले को रोकना चाहते थे ! इसमें वह सफल भी हो गए परंतु देश का सौभाग्य है की इनके रोड ब्लॉक से पहले ही करीब 900 मीटर की दूरी पर प्रधानमंत्री का काफिला उनके आगे चलने वाले ट्रकों और बसों के रुक जाने के कारण उस रोड ब्लॉक से पहले ही रुक गया और इस प्रकार इन देश विरोधी तत्वों की योजना विफल हो गई अन्यथा इस भीड़ में शामिल पाकिस्तान की आईएसआई के एजेंट किसी अप्रिय घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे !
 
 

ModiBreach 
 
 
प्रधानमंत्री मोदी के इस पंजाब दौरे के पहले सिख फॉर जस्टिस नाम के एक खालिस्तानी आतंकवादी गुरुपरवंत सिंह जो पाकिस्तान की आई एस आई का एजेंट है, का एक वीडियो पंजाब और देश के अन्य भागों में वायरल हो रहा है इस वीडियो में यह आतंकवादी सरेआम पंजाब के सिखों को खालिस्तान के लिए भड़काऊ भाषण दे रहा है और भारत के प्रधानमंत्री को इस वीडियो में भली बुरी कह रहा है ! इसके साथ ही वह फिरोजपुर के आसपास तरनतारन अमृतसर मुख्तसर एरिया के सिखों को इस रोड ब्लॉक पर पहुंचने के लिए उकसा रहा है और घोषणा कर रहा है कि पंजाब अब खालिस्तानखाली है और इसमें कोई बाहरी तत्व नहीं आ सकता ! विश्व सूत्रों के अनुसार यह पता लगा है कि यदि प्रधानमंत्री उस रोड ब्लाक के नजदीक पहुंच जाते हैं तो भीड़ के नाम पर इनमें छुपे हुए कुछ हथियार धारी आतंकवादी हमला कर देते इस प्रकार देश के लोकप्रिय जन नेता श्री नरेंद्र मोदी की जिंदगी खतरे में पड़ सकती थी ! उसके बाद हमारा देश एक कल्पना से परे भीषण गृहयुद्ध की चपेट में आ जाता ! इस प्रकार पाकिस्तान की आईएसआई का जो इरादा दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग धरने मैं नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध मुसलमानों के आंदोलन और दिल्ली की सीमाओं पर एकत्रित किसान आंदोलनों के द्वारा गृह युद्ध की स्थिति बनाकर पूरा न हो सका वह इस बार आराम से फिरोजपुर की घटना के बाद पूरा होने वाला था ! परंतु देश का सौभाग्य है कि हमारे प्रधानमंत्री बाल-बाल बच गए और वह सुरक्षित दिल्ली पहुंच गए ! यह पहली बार है कि देश के प्रधानमंत्री ने अपनी जान सलामती के लिए एक प्रदेश के मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया और उनके लिए धन्यवाद का संदेश भेजा !
 
 
 
पाकिस्तान ने विभाजन के बाद भारत पर चार हमले 1947, 1965, 1971 और 1999 में कारगिल में किए और इन सब हमलों में पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह से हार मिली !इन हमलों में पाकिस्तान को बुरी तरह से आर्थिक और मानवीय क्षति हुई जिसके कारण आज पाकिस्तान भुखमरी और दिवालियापन के कगार पर पहुंच चुका हैइसके अतिरिक्त पाकिस्तान में सेना की छवि वहां की जनता के नजर में एकनाकाम और भारतीय सेना के सामने कमजोर और नाकारा के रूप में बनी !इसके अतिरिक्त भारत के पहले पंजाब और बाद में जम्मू कश्मीर में लंबे समय से आतंकवाद को चला रही पाकिस्तान की आईएसआई भी करीब-करीब अपनी छवि को खो चुकी है ! पाकिस्तान केद्वारा इस प्रकार के योद्धा और पूरे दक्षिण एशिया में आतंकवाद का जनक माने जाने के कारण विश्व का कोई भी देश पाकिस्तान में निवेश नहीं करना चाहता ! इसलिए विभाजन के समय उपजाऊ जमीन और प्राकृतिक संसाधन से भरपूर क्षेत्र के मिलने के बावजूद भी पाकिस्तान कोई विकास नहीं कर पाया है ! इसको देखते हुए सैनिक विशेषज्ञों के अनुसार अब पाकिस्तान भारत के विरुद्ध परोक्ष युद्ध की नीति अपना रहा है ! इसमें सीमाओं पर युद्ध के स्थान पर सोशल मीडिया पर दुश्मन देश के विरुद्ध मनोवैज्ञानिक प्रोपेगेंडा देश के अंदर चलाकर राजनीतिक विवादों को हवा देना और असंतुष्टओ को अपने देश के विरुद्ध भड़का कर उन्हें दिल्ली के शाहीन बाग और दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन जैसे धरने प्रदर्शन और बाद में सांप्रदायिक दंगों के रूप में भारी आर्थिक और मानवीय नुकसान के द्वारा समाज में भारी मनमुटाव फैलाकर दुश्मन देश को सीमा पर लड़ने वाले युद्ध के बराबर नुकसान पहुंचा कर उसे अस्थिर बनाना होता है !इस हिंसा और सामाजिक उथल-पुथल से स्वयं ही देश के टुकड़े हो जाते हैं जैसा कि पाकिस्तान में 1971 में बांग्लादेश के रूप में हुआ !
 
 
कारगिल युद्ध की नाकामी के बाद अब पाकिस्तान यह समझ गया है कि वह भारत के विरुद्ध सीमा पर लड़े जाने वाले युद्ध के द्वारा विजय प्राप्त नहीं कर सकता इसलिए अब वह भारत में तरह-तरह के राजनीतिक आंदोलनों को हवा देकर और इसके साथ साथ कोई फिरोजपुर जैसी घटना करके भारत में गृह युद्ध की स्थिति पैदा करना चाहता है ! इस प्रकारभारत को विश्व पटल पर अशांत दिखाकर उसकी प्रतिष्ठाको भारी क्षति पहुंचाना चाहता है जैसा कि शाहीन बाग धरने के बाद दिल्ली में फैले सांप्रदायिक दंगों को विश्व मीडिया ने पूरे विश्व में फैलाया क्योंकि उस समय व्हिस्पर मीडिया अमेरिका के राष्ट्रपति के भारत के दौरे के कारण दिल्ली में मौजूद था !यही सब किसान आंदोलन के समय भी हुआ जिसमें इस आंदोलन को चलाने के लिए भारी मात्रा में धन विदेशों में रहने वाले देश विरोधियों ने आईएसआई के कहने पर भारत में भेजा जिसके द्वारा आंदोलनकारियों के लिए वातानुकूलित रहने के स्थान और हर तरह के खाने पीने की व्यवस्था थी !पाकिस्तान के इस परोक्ष युद्ध के कारण हीपिछले कुछ समय से देश के हर राजनीतिक मतभेद बड़े-बड़े धरने प्रदर्शनों में बदल रहे हैं जिसके कारण देश की व्यवस्था पर भारी दबाव बन रहा है और भारत की सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है !इसका जीता जाता उदाहरण सीन है ! विश्व पटल पर नकारात्मक छवि के कारण ही आज के समय में चीन का अंतरराष्ट्रीय व्यापार भारी घाटे में चल रहा है जिसके कारण चीन को आर्थिक हानि हो रही हैऔर चीन में आर्थिक मंदी का माहौल है !
 
 
 
शुरू- शुरू में देश में 978 में जरनैलसिंह भिंडरवाले ने सिखकट्टरपंथ शुरू किया उसके बाद पाकिस्तान की आईएसआई ने भिंडरवाले के इस कट्टरपंथ को खालिस्तान के तरफ मोड़ा और इसको हिंसक रूप दिया ! जिसके कारण खालिस्तानी आतंकवादीदेश में जगह जगह आतंकी घटनाएं करते रहे और आखिर में सिखों के पवित्रतम स्थान स्वर्ण मंदिरजाकर छुप गए और उन सोचा इस स्थान पर भारत की सुरक्षा एजेंसियां नहीं पहुंच सकती हैं ! खालिस्तानी आतंकियों की बढ़ती हुईहिंसक गतिविधियों को देखते हुए देश की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को ऑपरेशन ब्लू स्टार के रूप में यहां पर कार्रवाई करनी पड़ी ! जिसके बाद उनकी सुरक्षा में तैनात दो सिख सुरक्षाकर्मियों ने उन्हीं के निवास पर उन्हें सरेआम गोली मार उनकी हत्या कर दी जिसके बाद पूरे देश में हिंदू सिख सांप्रदायिक दंगे फैले जिसमें बहुत से निर्दोष भारत वासियों की हत्या की गई जिनके कारण समाज में द्वेष फैल गया ! परंतु सिखों की उच्च कोटि की राष्ट्रीय भावना के कारण समाज कुछ दिन के बाद ही एक हो गया और 1984 के दंगों को बुलाकर दोबारा हिंदू- सिखों का पुराने जैसा भाईचारा स्थापित हो गया ! परंतु अब यदि यह आतंकवादी प्रधानमंत्री मोदी के काफिले के ऊपर हमला करने में सफल हो जाते तो आज देश प्रधानमंत्री की लोकप्रियता के कारण बहुत बड़े गृह युद्ध में फस जाता ! क्योंकि प्रधानमंत्री की ईमानदार और लोकप्रिय छवि के कारण आज देश का हर नागरिक उन्हें पूरा आदर और सम्मान देता है ! और इसी के कारण देश का ज्यादातर हिस्सा इस इस गृह युद्ध की चपेट में आ सकता था ! और यह ग्रहयुद्ध 1984 के गृह युद्ध से कई गुना बड़ा होता ! इसके परिणाम स्वरूप देश का आर्थिक विकास कई गुना पीछे चला जाता और इस प्रकार भारत जो एक आर्थिक शक्ति बनने के कगार पर पहुंच चुका है वह सब विफल हो जाता ! इस प्रकार पाकिस्तान का मंसूबा सीमाओं पर युद्ध के बगैर ही इस परोक्ष युद्ध के द्वारा पूरा हो सकता था !
  

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इस प्रकार देशवासियों को आजकल युद्ध की नई तकनीक परोक्ष युद्ध के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए और दुश्मन के मनोवैज्ञानिक प्रोपेगेंडा पर ध्यान देने से पहले अपने देश की असलियत पर ध्यान देना चाहिए !देश लंबे समय से पाकिस्तान की इन हरकतों को देख रहा है और असलियत के बारे में भी देशवासी पूरी तरह से वाकिफ है और वह जानते हैं कि किस प्रकार हमारा देश विश्व में एक उभरती हुई आर्थिक और सैनिक शक्ति बनता जा रहा है ! जिसके कारण अमेरिका फ्रांस रूस इत्यादि देश भारत से संबंध बढ़ाना चाहते हैं ! वहीं पर भारत के दुश्मन पाकिस्तान और चीन दुम दबाकर अपने घरों में सीधे युद्ध के स्थान पर आतंकवाद, समाज में विद्वेष और विरोध फैलाकर अपने मंसूबों को पूरा करना चाहते हैं ! इसलिए देशवासियों को अपने राजनीतिक मतभेद सरकार के सामने शांतिपूर्ण ढंग के पास में भेजने चाहिए ! इन मतभेदों को राज्यों की विधानसभाओं और लोकसभा में उठा कर सरकार को इन से अवगत कराना चाहिए ! यहां पर देश के संविधान में यह भी प्रावधान है कि जनता से संबंधित सरकार की नीतियों को देश के उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है ! इस प्रकार हमें अपने मतभेदों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना चाहिए यहां पर सरकार को भी जनता की आवाज को संवेदना और शालीनता से सुनकर उनकी शिकायतों को दूर करने का प्रयासकरना चाहिए ! इस प्रकार हम दुश्मनों के द्वारा लड़े जाने वाले इस परोक्ष युद्ध को विफल कर सकते हैं !
 
 
इसलिए आज के युग में देश प्रेम केवल देश की सीमाओं तक ही सीमित नहीं है ! आज की स्थितियों में दुश्मन के परोक्ष युद्ध को विफल बनाकर भी देशवासी अपनी राष्ट्रप्रेम की भावना को व्यक्त कर सकते हैं ! जैसा कि पिछले दशकों में अक्सर हमारे देशवासी चीन और पाकिस्तान के इस युद्ध को विफल करते आ रहे हैं ! परंतु अभी कुछ सालों से सोशल मीडिया के बढ़ जाने के कारण दुश्मनों को अपने इरादों में कभी-कभी आंशिक सफलता मिल जाती है जिसे हमें चौकन्ना रहकर विफल करना चाहिए !
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