मौजूदा इजराइल और हमास के विवाद का संक्षिप्त विवरण

20 May 2021 15:04:00
पृष्ठभूमि-- इजराइल के पूर्वी किनारे पर गाजा पट्टी तथा पश्चिमी दिशा में वेस्ट बैंक ( पश्चिमी किनारा) नाम के क्षेत्र स्थित है ! क्षेत्रफल के हिसाब से यह छोटे-छोटे प्रदेश है जहां पर फिलिस्तीनी मुस्लिम आबादी का बाहुल्य है ! 2005 तक गाजा पट्टी और बेस्ट बैंक में फतेह नाम की पार्टी की सरकार थी ! 2006 के चुनावों में कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी हमास ने गाजा पट्टी में बहुमत हासिल किया और वहां पर सरकार बना ली ! इस प्रकार हमास और फतेह पार्टी में सत्ता की रस्साकशी शुरू हो गई ! हमास पार्टी को इजराइल अमेरिका और यूरोपियन देश एक आतंकवादी संगठन मानते हैं ! गाजा पट्टी में सरकार बनाने के बाद हमास पार्टी ने अपना प्रभाव वेस्ट बैंक में भी स्थापित करने के प्रयास शुरू कर दिए ! जेरूसलम बेस्ट बैंक की राजधानी है और जेरूसलम में ही यहूदी तथा था ईसाई समुदायों का जन्म हुआ था ! ईसाई और यहूदियों के साथ-साथ मुस्लिमों के लिए भी जेरूसलम धार्मिकरूप से उतना ही महत्वपूर्ण है ! जेरूसलम में यहूदियों का टेंपल ऑफ माउंट तथा मुस्लिमों की पवित्र मस्जिद अलअस का स्थित हैजो मुस्लिम समुदाय के लिए तीसरा सबसे बड़ा पवित्र स्थान है ! इसको देखते हुए जेरूसलम में यहूदी और मुस्लिम समुदाय दोनों रहते हैं !जेरूसलम के धार्मिक महत्व को देखते हुए जेरूसलम को दो भागों में बांट दिया गया है पूर्वी भाग पर फिलिस्तीनी यों का तथा पश्चिमी भाग पर इजराइल का कब्जा है ! परंतु दोनों क्षेत्रों में यहूदी और मुस्लिम आबादी मिली-जुली है !

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1987 में हमास पार्टी की स्थापना के बाद से ही यह पार्टी इजराइल को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानती है ! इसलिए 1988 से लगातार हमास के कैडर के आतंकी इजरायली ठिकानों पर हमला करते रहते हैं ! ज्यादातर हमले राकेट और आतंकी छापा मारो द्वारा होते हैं ! इस प्रकार गाजा पट्टी और बेस्ट बैंक में स्थित होने के कारण हमास पार्टी इजराइल के साथ हिंसक घटनाएं करती रहती है ! 2006 में गाजा पट्टी में हमास पार्टी की सरकार बनने के बाद हमास को वहां पर अपने ठिकाने बनाने का मौका मिल गया जहां से अक्सर वह इजराइल के विरुद्ध हिंसक घटनाएं करते रहते हैं !इजराइल यूरोपीय देश और अमेरिका हमास को एक आतंकवादी संगठन मानता है इसलिए इजराइल ने हमास के विरुद्ध बहुत से प्रतिबंध लगा दिए हैं !
 
मौजूदा विवाद--- जेरूसलम के उत्तरी भाग में अलआस्का मस्जिद स्थित है ! उसके दमास्क गेट के बाहर रमजान में शाम के समय नमाज के बाद नमाजी इकट्ठे होते हैं ! इनमें अक्सर हमास के काडर घुसकर यहां पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते थे ! इसको देखते हुए इजराइली पुलिस ने रमजान से पहले दमास्क गेट के बाहर इन्हें रोकने के लिए पिछले अप्रैल में बैरियर लगा दिए ! जिससे इस क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके ! इजराइल पुलिस की यह कार्यवाही हमास पार्टी को पसंद नहीं आई जिसका विरोध उसने इजराइल से किया ! इसके अलावा जेरूसलम के शेख जरा क्षेत्र में इजराइलीयो द्वारा फिलिस्तीनीयो को अपने रिहायशी क्षेत्रों को खाली कराने का नोटिस भी दिया गया है ! इसके कारण भी इस क्षेत्र में तनाव और भी बढ़ गया ! हमास पश्चिमी किनारे में अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए इजराइल के इस कदम पर और भी इजराइल के विरुद्ध होगई है ! इस सब को देखते हुए अपनी पुरानी शैली के अनुसार हमास ने इजराइल पर रॉकेट और आतंकियों द्वारा हमले अप्रैल से शुरू कर दिए ! जिन का जवाब इजराइल ने अपनी वायुसेना से दिया है ! इजराइल वायुसेना ने गाजा पट्टी में चुन-चुन कर हमास पार्टी के ठिकानों को निशाना बनाया है ! इसके अतिरिक्त अल आस्का मस्जिद में हमास पार्टी के कैडरों के छुपे होने की आशंका में मस्जिद पर थल सेना और टैंकों के द्वारा भी हमला किया है !
 
इजरायल और हमास के संघर्ष को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी दोनों को तनाव करने कम करने की सलाह दी है परंतु हमास के द्वारा लगातार रॉकेट फायर करने के कारण इजरायली हवाई सेना हमास के ठिकानों पर बमबारी कर रही है ! इजराइल की बढ़ती हुई शक्ति और विश्व में उसकी लोकप्रियता को देखते हुए पड़ोस का कोई भी अरब देश हमास के समर्थन में खुलकर नहीं आ रहा है !इजराइल की पूरी स्थिति को समझने के लिए इजराइल देश की स्थापना को समझना जरूरी है !
 
इजराइल की स्थापना--- पहली शताब्दी में ईसाई तथा यहूदी समुदाय का जन्म यरूशलम में और मु मक्का में सातवीं शताब्दी में इस्लाम का जन्म हुआ ! पूरे अरब देशों और यूरोपीय देशों में यहूदी समुदाय पहली शताब्दी से ही रहता था ! सातवीं शताब्दी में मुस्लिम समुदाय के जन्म के बाद यह समुदायअरब और अन्य देशों में तेजी से फैला ! जैसा कि इस्लाम में जिहाद के नाम पर कहा गया है कि अन्य समुदाय के लोगों को इस्लाम को कबूल करवाओ और जो ना करे उसे खत्म करो ! इसको देखते हुए अरब देशों में यहूदियों के विरुद्ध मुस्लिमों ने जिहाद छेड़ दी जिसका स्वाभिमानी यहूदियों ने मुकाबला किया ! धीरे-धीरे 1920 से दोनों में हिंसक झड़पें होने लगी और 1947 में यह झड़पें ग्रह युद्ध में बदल गई ! 19 47 तक इस पूरे क्षेत्र जिसमें आज का इजराइलऔर फिलिस्तीन इत्यादि शामिल है पर अंग्रेजों का शासन था ! जिसे 1947 में अंग्रेज छोड़कर चले गए थे ! इसके बाद इस पूरे क्षेत्र में ग्रह युद्ध छिड़ गया जिसको देखते हुए यहूदियों ने अपने लिए क्षेत्र चुना और उसे इजराइल नाम दिया ! इसके बाद पूरे अरब देशों और यूरोपीय देशों से यहूदियों ने इजराइल के लिए पलायन किया और इसी को अपना असली घर मानते हुए यहां पर बस बस गए ! पूरे विश्व मैं यह कुख्यात है की दूसरे विश्व युद्ध के समय हिटलर की नीतियों का जर्मन के यहूदियों ने समर्थन नहीं किया था इसलिए हिटलर ने जर्मन के और अन्य यूरोपीय देशों के यहूदियों को गैस चैंबर में बंद करके जहरीली गैसों से उनकी बड़े स्तर पर हत्या की थी ! इस सब को देखते हुए पूरे विश्व के यहूदियों ने इजरायल को अपना घर मानते हुए यहां पर अपने पूर्ण समर्पण के साथ में इसकी उन्नति के लिए कार्य किया ! इजराइल का हर नागरिक अपने देश का एक वफादार राष्ट्रवादी नागरिक है ! जिसके कारण इजराइल में चहुमुखी विकास हुआ और चारों तरफ से मुस्लिम दुश्मन देशों से घिरा होने के बावजूद आज इजराइल विश्व की आर्थिक शक्ति होने के साथ-साथ सैन्य शक्ति भी बन गया है !
 
इजराइल को विश्व के नक्शे से मिटाने के लिए1967 में पड़ोसी देशों के द्वारा इजराइल पर आक्रमण--- जैसा की सर्वविदित है इजराइल चारों तरफ से लेबनान सीरिया जॉर्डन तथा मित्र देशों से गिरा हुआ है केवल उसके एक दिशा में समुद्र है ! इस स्थिति में जब इजराइल को इन देशों ने हर क्षेत्र में उन्नति करते देखा तो उन्हें उसकी यह उन्नति खटक खटक ने लगी और उन्होंने सोचा कि क्यों ना इस छोटे से देश को तबाह कर दिया जाए और इजराइल और यहूदियों का नाम दुनिया के नक्शे से मिटा ही दिया जाए ! इसलिए इन देशों ने 1967 में मिलकर इजराइल पर हमले की योजना बनाई ! इसके अनुसार इन देशों की सेनाओं ने चारों तरफ से इजराइल पर हमला कर दिया ! शुरू में अचानक हमले के कारण इनकी सेनाओं को इजराइल के अंदर घुसने मैं थोड़ी सफलता मिली परंतु इजराइल के स्वाभिमानी और देशभक्त नागरिकों ने फौरन स्वयं को इजरायली सेना के सामने समर्पित कर दिया और हर नागरिक ने जहां भी वह था वहीं से इस हमले को नाकाम करने के प्रयास किए ! इजरायली सेना ने पूरे देश के साथ इन अरब देशों की सेनाओं का मुकाबला किया और तीसरे दिन से ही इजरायली सेना ने अरब देशों की सेनाओं को पीछे धकेलना शुरू कर दिया ! मिस और इजरायल के बीच में प्रसिद्ध सिनाई रेगिस्तान से मिस्र की सेनाओं को पीछे धकेल ते हुए इजराइल ने इस पूरे रेगिस्तान पर कब्जा कर लिया ! इसके साथ ही गाजा पट्टी को भी मिस्र से छीन लिया ! इसके बाद सीरिया की गोल्डन हाइट के नाम से प्रसिद्ध पहाड़ियों पर भी कब्जा कर लिया, और जॉर्डन से पश्चिमी किनारे तथा पूर्वी जेरूसलम को भी अपने कब्जे में ले लिया ! इस प्रकार चारों आक्रमणकारी देशों को इजराइल ने सबक सिखा दिया !इन चारों देशों ने जो इजराइल को विश्व के नक्शे से मिटाने की सोची थी इस सोच के बदले उन्हें इजराइल को अपने क्षेत्र गंवाने पड़े ! इस प्रकार इजराइल की जीत में यह 6 दिन का युद्ध समाप्त हुआ !

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1973 का योम--किपर युद्ध---- मिस्र सीरिया और जॉर्डन 1967 के युद्ध में अपने भूभाग इजराइल के हाथों गवा चुके थे ! इसलिए उनको वापस पाने के लिए मिस्र और सीरिया दोनों ने इजराइल के विरुद्ध हमले की योजना बनानी शुरू की ! इस हमले को यह दोनों गुप्त रखना चाहते थे और ऐसे समय पर हमला करना चाहते थे जब इजराइल इस प्रकार के हमले की कल्पना नहीं कर रहा हो ! इसलिए इन्होंने इजराइल पर उस समय हमला करने की योजना बनाई जब अक्टूबर में यहूदियों का सबसे पवित्र त्यौहार योग कीपर और उसी समय रमजान का पवित्र महीना भी होता है ! इसलिए इन दोनों ने 6 अक्टूबर 1973 मैं इजराइल पर अचानक हमला कर दिया ! जिसके लिए इजराइल तैयार नहीं था क्योंकि उस समय इजराइल के त्यौहार के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय का रमजान का महीना भी था ! मिश्र ने यह हमला स्वेज नहर को पार करके और सीरिया ने गोलन पहाड़ियों की तरफ से किया ! पूरा इजराइल त्यौहार में व्यस्त होने के कारण इस हमले के लिए तैयार नहीं था ! इसलिए शुरू में इजराइली सेनाओं को जरूरी सैनिक सामग्री भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रही थी ! परंतु धीरे-धीरे अपने देश की उच्च परंपराओं के अनुसार इजराइली समुदाय ने अपने त्यौहार के साथ साथ अपनी पूरी शक्ति दुश्मन को हराने में लगा दी ! इसके लिए इजराइल ने अमेरिका की मदद से स्वयं को तैयार किया और मिस्र और सीरिया को जवाब देना शुरू किया ! इजराइल ने देखा की मिश्र ने स्वेज नहर के अपने किनारे पर इजराइल के हवाई हमलों को रोकने के लिए एक मजबूत एयर डिफेंस कवर लगा रखा है जिसके द्वारा इजरायली हवाई सेना मिस्र के ठिकानों पर आक्रमण नहीं कर पा रही थी ! परंतु इजराइल के लड़ाकों ने मिस्र के इस एयर डिफेंस कवर को ध्वस्त करते हुए मिस्र के ठिकानों पर हवाई हमले शुरू कर दिए ! जिसके कारण इजराइल में लड़ रही उसकी सेना अपने आप को असहाय पाने लगी ! उसी प्रकार इजरायली सेना ने सीरिया की सेना को भी गोलन हाइट्स की तरफ धकेल दिया ! इस स्थिति को देखते हुए मिश्र ने अमेरिका को तेल निर्यात करने वाले अरब देशों से अमेरिका पर दवा डालने के लिए कहा ! इन देशों ने अमेरिका को तेल सप्लाइको बंद करने की धमकी दी ! जिसके फलस्वरूप अमेरिका ने इजराइल पर दबाव डाला और इजराइल ने युद्ध बंद करते हुए मित्र को उसका 1967 में जीता हुआ सिनाई रेगिस्तान वापस किया ! परंतु गोलन पहाड़ियों पर अभी भी इजराइल का कब्जा है ! मिश्र को जीता हुआ हिस्सा लौटाने के बदले में इजराइल ने मिस्र से वादा लिया कि भविष्य में वह इजराइल के प्रति आक्रमक नहीं होगा ! इसके बाद धीरे-धीरे मिस और इजराइल के संबंध सुधारने शुरू हो गए ! इस प्रकार इजराइल ने अपने आप को इन दुश्मन देशों के बीच में भी इतना शक्तिशाली बना लिया है कि कोई भी अरब देश अब उसकी तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता !
 
आज का इजराइल
 
1948 में पूरे अरब और विश्व के समस्त देशों से यहूदियों ने पलायन करके इजराइल का निर्माण 0 से शुरू किया ! परंतु आज इजराइल यों की देशभक्ति राष्ट्रीयता की भावना और लगन के कारण इजराइल विश्व की आर्थिक और सामरिक शक्ति बन चुका है ! जिसको देखते हुए काफी अरब देशों ने इजराइल से अपने संबंध सुधार लिए हैं ! आज इजराइल विश्व के ज्यादातर देशों को सैन्य तथा अन्य सामान निर्यात कर रहा है ! भारत को एयर डिफेंस तथा साइबरसिक्योरिटी के सैनिक सामान इजराइल से प्राप्त हो रहे हैं ! इस समय रूस के बाद इजराइल डिफेंस का सामान भारत को सप्लाई करने वाला दूसरा बड़ा देश है !
 
इस प्रकार स्वयं अपने देश का निर्माण करके इजराइलयों ने पूरे विश्व को अपने वजूद को अच्छी प्रकार से महसूस करा दिया है ! 60 और 70 के दशक में विश्व के ज्यादातर देश इजराइल को मान्यता भी प्रदान नहीं कर रहे थे परंतु अभी विश्व के देश इजराइल से संबंध बनाने में अपना सम्मान समझते हैं ! यह सब अरब देशों ने भी मान लिया है ! परंतु फिलिस्तीन लेबनान गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक में बिखरे हुए अरब शरणार्थी अभी भी इजराइल के प्रति दुश्मनी की भावना रखते हैं ! और पश्चिमी किनारे का हमास भी उनमें से एक है ! जिसने यह मौजूदा संकट उत्पन्न किया हुआ है ! इसमें भी इजराइल ने जो कुछ कदम उठाए हैं वह केवल अपनी सुरक्षा में ही उठाए हैं ! इस समय पूरा मामला संयुक्त राष्ट्र संघ में विचाराधीन है और पूरे विश्वास के साथ काकहा जा सकता है की फैसला इजराइल के पक्ष में ही आएगा !
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