आजकल झारखंड में विधानसभा के चुनाव के दौरान वहां पर राज्य घुसपैठ की समस्या तरफ राजनीतिज्ञओ का ध्यान जा रहा है ! इसी को देखते हुए भारत के गृहमंत्री श्रीअमित शाह ने घोषणा की है कि घुसपैठियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी तथा इनके द्वारा कब्जा की हुई संपत्ति कोउनके मालिकों को वापस लौटाया जाएगा ! 1951 की जनगणना में झारखंड के अंदर आदिवासियों की संख्या कुल आबादी का 44.6% थीअब यह आबादी 2011 में घटकर 9.44 से लेकर22.73 % तक ही रह गई है जो एक चिंता का विषय है !
झारखंड में ज्यादातर घुसपैठ वहां के संथाल प्रमंडल जो बंगाल की सीमा से लगा हुआ है के रास्ते से की जाती है !वहां से ये बांग्लादेशी इस संभाग के 6 जिलों में फैल जाते हैं ! इन घुसपतियों का मुख्य उद्देश्य वहां की आदिवासी लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फंसा कर जमीनो पर कब्जा करना है क्योंकि झारखंड में आदिवासी समुदाय के लिए कानून है कि यहाँ पर लड़कियों को जमीन का हक मिलता है ! इसी प्रकार उत्तर पूर्व के राज्यो जिनकी सीमाएं बांग्लादेश से लगती हैं वहां पर घुसपैठियों की समस्या उग्र हो रही है ! ये घुसपैठये बांग्लादेश और म्यांमार से इन राज्यों में घुसते हैं ! अभी कुछ समय पहले असम में रोहिङ्ग्या घुसपैठियों ने सरेआम प्रदर्शन किया जिसमें वे आजादी की मांग कर रहे थे ! इसी प्रकार1992-–1999 के बीच में मयनामार से आए कुकी और नागाओं तथा कुकी औरवहां के पेटियों के बीच हिंसक संघर्ष हुए !
इसी तरहबांग्लादेश से आए रोहोंगियों ने पूरे उत्तर पूर्वी राज्यों त्रिपुरा, नागालैंड ,असम और मणिपुर त्यादि में वहां की शांति को भंग किया हुआ है ! इससे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती पैदा हो गई है ! इसी कारण अभी तक मणिपुर में इनके द्वारा की हुई हिंसा पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है ! रोहिङ्ग्ये घुसपैठये बड़ी संख्या में देश के अन्य भागों जैसे जम्मू, दिल्ली और हैदराबाद तक में पहुंच गए हैं ! जहां पर कुछ समय बाद वहां की सत्ता को ये उसी प्रकार प्रभावित करेंगे जैसे पिछले लंबे समय से बंगाल में सत्ता बांग्लादेश के घुसपैठियों की मदद के द्वारा ही प्राप्त की जा रही है ! बंगाल में अक्सर बांग्ला देश की तरह हिंदुओं परअत्याचार होते हैं परंतुवोट बैंक की राजनीति के कारण वहां की सरकार इनके विरूद्ध सख्त कदम नहीं उठाती है !
भारत के पड़ोस में बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका , नेपाल तथा पाकिस्तान देश है जिनमे अक्सर राजनीतिक अस्थिरता तथा उठापटक चलती रहती है ! इसके चलते इन देशों के आंतरिक हालात खराब हो जाते हैं जिसके कारण वहां के निवासी अपने सुरक्षित भविष्य के लिए भारत में प्रवेश करने लगते हैं !1983 से 2009 तक श्रीलंका में गृह युद्ध चला जिसके कारण वहां से एक लाख तमिल शरणार्थी भारत के दक्षिणी राज्यों में घुस गए ! 1971 में बांग्लादेश युद्ध से पहले पाकिस्तान सेना के अत्याचारों के कारण बांग्लादेश से एक करोड़ शरणार्थी भारत में प्रवेश कर गए थे !जिनमें से ज्यादातर युद्ध के बाद वापस बांग्लादेश जाने की बजाय देश के विभिन्न भागों में और खासकर दिल्ली में बस गए ! इसी प्रकार बांग्लादेश में आजकल चल रहे गृह युद्ध के द्वारा शेख हसीना को सत्ता से हटा दिया गया हैऔर वहां परअल्पसंख्यक हिंदुओं के विरुद्ध पाकिस्तान की आई अस आई के के इशारे पर मुस्लिम कट्टरपंथी अत्याचार कर रहे हैंऔर इनकी स्त्रियों के अपहरण करकेउनका बलात्कार करते हैं ! ऐसी स्थिति में वहां के प्रताड़ित नागरिक भारत में घुसपैठियों के रूप में घुसने की कोशिश कर रहे हैं ! ऐसे ही हालातअक्सर पाकिस्तान में भी पैदा होते हैं जिनके कारण वहां के हिंदू अल्पसंख्यक भारत मेंशरण लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं ! मानवता के आधार पर भारत सरकार नेइस प्रकार के पाकिस्तान,अफगानिस्तान औरबांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने वाले हिंदू, सिखऔर इसाई शरणार्थियों के लिए भारतीय नागरिक संशोधन कानून पास किया था !
मगर देश के कुछ राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति के कारण इसको भारत केमुस्लिम नागरिकों के विरुद्ध बताकर !उनकी सहानुभूति हासिल करने के लिए इसका भी विरोध कर रहे हैं !
विश्व की महाशक्ति अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के अंदर घुसपतियों के बारे मेंचिंता व्यक्त की थी ! उनके अनुसार अरब देशों से आए मुस्लिम कट्टरपंथी घुसपैठियों नेअमेरिका की आंतरिक शांति को भंग कर दिया है ! इन्होंने अमेरिका के प्रमुख शहरों न्यूयॉर्क तथा शिकागो मेंउग्र प्रदर्शनों के द्वारा जिहाद की मांग उठाई है ! यह जिहादी खासकर वहां पर बसे यहूदियों के विरुद्ध हैऔर ये जिहादी इसराइल के साथ युद्ध कर रहे हमास और हिजबुल्ला के समर्थन में अमेरिका में प्रदर्शन करते हैं ! इन कट्टरपंथियों ने वहां के शिक्षा संस्थानों जैसे यूनिवर्सिटिययों तथा कॉलेज में अपना प्रभाव स्थापित कर लिया है !जिसके द्वारा वहाँ के युवकों पर इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है ! इससे अमेरिका जैसी महा शक्ति को विश्व के ज्यादातर देश शक की नजर से देखने लगे हैं और इसके कारण उसकी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को ठेस लगी है !इसको देखते हुए ट्रंप ने इन घुसपेटीयों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के भरोसा देते हुए कहा है कि वह पूरे देश में अभियान चलाकर की पहचान करवाएंगे और उन्हेंअमेरिका से बाहर निकलेंगे !इसके अलावा उन्होंनेअमेरिका में घुसपैठ के रास्तों पर भी चौकसी बढ़ाने के बारे में भीकहा है जिससे यह घुसपैठये अमेरिका में प्रवेश न कर पाए !
परंतु भारत में बीजेपी की सरकार से पहले किसी भी सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के कारण इस समस्या की तरफ ध्यान ही नहीं दिया ! जिसके कारण यहां पर बड़ी संख्या में घुसपेटिओ ने यहां की जनसंख्या के अनुपात को बदल दिया है जैसा कि झारखंड में हो चुका है ! उत्तर पूर्व राज्यों की4000 किलोमीटर सीमा बांग्लादेश, म्यांमार तथा चीन से लगती है ! जिसमें 3200 किलोमीटर पर कटीले तारों की बाढ़ लगी हुई है जिसको सीमा सुरक्षा बल तथा असम राइफल्स निगरानी में रखते हैं ! इसी प्रकार उत्तर पश्चिम भारत की 4500 किलोमीटर सीमा पाकिस्तान चीन इत्यादि देशों से लगती है जिसमें प्राकृतिक अवरोधों जैसे पहाड़ तथा नदियों के अलावा अधिकतर अंतरराष्ट्रीय निर्धारित सीमा पर ही तार लगे हैं ! परंतु ज्यादातर घुसपैठिए 80- 90 के दशक में भारत में प्रवेश कर गए और मौजूदा समय में भी भारत बांग्लादेश की सीमा पर यातायात खुला होने के कारण इस सीमा से भी अभी तक बड़ी संख्या में बांग्लादेसी भारत में घुस रहे हैं !
इसके अलावा प्राकृतिक और दुर्गम स्थानों जैसे पर्वत तथा नदी इत्यादि के मार्गों से भी बांग्लादेश तथा पाकिस्तान के घुसपैठिया भारत में घुस रहे हैं !ज्यादातर हथियारों, नशीली दवाओं तथा अन्य देश विरोधी सामग्री भी इन घुसपतियों के द्वारा ही भारत में पहुंच रही है !जमीन के अलावा समुद्र के रास्ते भी भारत में घुसपैठ हो रही है !2008 में मुंबई हमले के लिए आतंकवादी समुद्र के रास्ते ही भारत में आए थे !इनका मुख्य देश भारत के आर्थिक संसाधनों का उपयोग है तथा यह देश की जनसंख्या के अनुपात को बदल रहे हैं जैसा की भारत के कुछ राज्यों में हो चुका है !आर्थिक संसाधनों के कारण देश के मुख्य शहरों दिल्ली मुंबई इत्यादि में घुसपतियों के द्वारा भीड़ तथा झुग्गी झोपड़ियां की संख्या बढ़ाने के कारण इन शहरों की छवि पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है ! देशविरोधी तत्व इनका का प्रयोग करके देश में धरने प्रदर्शनों तथा दंगों के द्वारा देश के सांप्रदायिक माहौल को खराब करकेअशांति फैलाते हैं ! दिल्ली में शाहीन बाग धरनो के समय रोहिङ्ग्या और बांग्लादेसीओ के कारण यह धारना इतने लंबे समय तक चला तथा बाद में इसकी परिणीति दिल्ली दंगों में उस समय हुई जब 2020 में विश्व की महाशक्ति अमेरिका के राष्ट्रपति दिल्ली दौरे पर थे और पूरे विश्व का मीडिया दिल्ली में उस समय इसके कारण एकत्रित था ! इससे भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा परप्रतिकूल प्रभाव पड़!
घुसपैठ कीउपरोक्त स्थिति को देखते हुए भारत सरकार को इस समस्या के निवारण के लिए उसी प्रकार कदम उठाने चाहिए जिस प्रकार रोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में इस समस्या को सुलझाने के बारे में कहा है !सर्वप्रथम बांग्लादेश और म्यांमार तथा पाकिस्तान की सीमाओं परसुरक्षा प्रबंधन को और कड़ा किया जाना चाहिए !जिसमें जिन स्थानों पर तार नहीं लगे हैं वहां पर आधुनिक तकनीक की मदद से इलेक्ट्रानिक सर्विलांस और भी कड़ी की जानी चाहिए जिससे ये भारत में जमीन और समुद्र के रास्तों से घुस ना पाएं ! इसके अलावा अमेरिका की तरह पूरे देश में घुसपतियों की पहचान के लिए सर्वेक्षण किया जाना चाहिए और इसके बाद पाये पर इनको इनके देश में वापस भेजने की व्यवस्था की जानी चाहिए ! इसके साथ-साथ इनका घुसपैठ के बाद जाली आधार कार्ड इत्यादि बनाकर नागरिकता दिलवाने वालों के विरुद्ध भी सख्त कानून बनना चाहिए ! परंतु दुभाग से हमारे देश में वोट बैंक की राजनीति के कारण बहुत से प्रदेशों में घुसपैठ को लंबे समय से अनदेखा किया जा रहा है जिस कारण इन प्रदेशों में जनसंख्या का अनुपात बिगड़ रहा है ! जैसा कि बंगाल तथा झारखंड में हो चुका है और दिल्ली इत्यादि में होने वाला है !
देश में राष्ट्रीयता की भावना को बढ़ावा देने के लिए सरकारों तथा राजनीतिक दलों का उद्देश्य होना चाहिए की भारत के संसाधनों पर केवल यहां के मूल निवासियों का ही अधिकार हो ! यदि उनके संसाधनों पर विदेशी घुसपैटीए कब्जा कर लेते हैं तो इससे जनता की भावनाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है !औरइससेराष्ट्रीयता की भावना भी प्रभावित होती है ! भारत की सीमाएं दुश्मन देशो से लगती हैं इसलिएइन सीमाओं पर उपरोक्त को देखते हुए और भी कड़ी चौकसी होनी चाहिएजिससे देश में घुसपैठिये तथा राष्ट्र विरोधी तत्व प्रवेश न कर सकें !