सीमा हैदर और अंजू के बारे में भारतीय खुफिया तंत्र से सवाल

NewsBharati    31-Jul-2023 12:56:48 PM   
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पिछले कुछ समय से टीवी मीडिया पर सीमाहैदर और अंजू की खबरें छाई हुई है ! बार-बार नई नई सनसनीखेज खबरें इनके बारे में बताई जा रही है ! इस प्रकार टीवी चैनल इनकी कहानियों को सनसनीखेज बनाने के लिए इनकी खबरों को तरह-तरह से तोड़ मरोड़ कर अपनी टीआरपी बढ़ा रहे हैं !इससे देशवासियों को लगता है की हमारी सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर पाकिस्तान इस प्रकार की हरकतें कर सकता है ! इसको देखते हुए पूरे देश के बुद्धिजीवी इसके बारे में कुछ जरूरी सवाल देश के खुफिया तंत्र से पूछना चाह रहे हैं ! जिनमें मुख्यतः यह मुद्दा है की सीमा हैदर से सच्चाई उगलवाने के लिए अभी तक उसका लाई डिटेक्टर टेस्ट क्यों नहीं हुआ है !
 

Seema Haider Anju Pakistan 

क्योंकि सीमा एक स्त्री है और उसके विरुद्ध स्त्री होने के कारण थर्ड डिग्री का प्रयोग नहीं हो सकता इसलिए शीघ्र अति शीघ्र सीमा का यह टेस्ट कराया जाना चाहिए था जिससे अब तक इसकी सारी सच्चाई देश के सामने आ सकती थी ! दूसरा मुख्य प्रश्न है कि जब कोई व्यक्ति विदेश जाने के लिए वीजा के लिए आवेदन करता है तो उससे उसके विदेश जाने के कारण पूछे जाते है जिनमें खासकर व्यापार, नौकरी, तीर्थ यात्रा या सगे संबंधियों से मिलने जैसे कारण होते हैं ! तब अंजू को पाकिस्तान जाने के लिए इनमें से किस कारण से वीजा दिया गया है ! अब तक की जानकारी से साफ हो गया है कि अंजू के पास पाकिस्तान जाने का कोई भी ऐसा ठोस कारण नहीं था जिससे उसको वीजा दिया जा सकता था ! जबकि पाकिस्तान घोषित दुश्मन देश है तब वीजा देने वालों को पाकिस्तान के लिए वीजा देने के बारे में खुफिया तंत्र से व्यक्ति के बारे में जानकारी लेनी चाहिए थी ! तो क्या अंजू के बारे में ऐसा किया गया था यदि नहीं तो क्या संबंधित कर्मियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई की जा रही है !

जैसा की सर्वविदित है भारत ने पाकिस्तान को 1965, 71 तथा 99 के युद्धों में करारी हार दी है और 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तान के टुकड़े होकर बांग्लादेश का निर्माण हुआ ! इसके बाद भारत ने हर क्षेत्र में उन्नति की जिसके द्वारा भारत की सेना और उसकी आर्थिक स्थिति इस प्रकार की बन गई कि वह विश्व की एकमात्र महाशक्तियों में गिना जाने लगा ! पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट में घिरा हुआ है जिसके कारण वह भारत के साथ किसी भी क्षेत्र में मुकाबला करने की स्थिति में नहीं है और उसकी सेना तो दूर-दूर तक भारतीय सेना के सामने खड़ी भी नहीं हो सकती है ! परंतु फिर भी पाकिस्तानी सेना ने कसम खाई है कि वह भारत से अपनी 1971 की हार का बदला लेगी !इसको देखते हुए पाकिस्तान की सेना ने सीधे युद्ध लड़ने की स्थान पर अपनी आई एस आई के द्वारा भारत के साथ छद्म युद्ध की नीति अपनाई है !

इसके लिए वह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के मुख्य भाग सेना तथा सामाजिक ढांचे को अस्त-व्यस्त करना चाह रहा है ! इसके लिए उसकी आई एस आई बार-बार तरह-तरह के मुद्दों द्वारा देश के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश करती है ! इस समय देश में पूरा देश समान नागरिक संहिता कानून के बारे में विचार कर रहा है और भारत सरकार जल्दी से जल्दी इस कानून को भारत की लोकसभा में पारित करवाने की कोशिश करेगी ! जैसा कि नागरिकता संशोधन कानून के समय आईएसआई ने इस कानून को मुस्लिम विरोधी बताकर इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की थी जिसमें उसकी शह और आर्थिक सहायता से पूरे देश में दंगे और प्रदर्शन हुए जिनमें दिल्ली का शाहीन बाग धरना सबसे मुख्य था !

 इस धरने की समाप्ति दिल्ली दंगों के रूप में उस समय हुई जब अमेरिका के राष्ट्रपति दिल्ली के दौरे पर थे और विश्व का पूरा मीडिया दिल्ली में एकत्रित था ! जिसने इन दंगों की खबरें पूरे विश्व में नमक मिर्च लगाकर फैलाई और भारत को अशांत देश घोषित करने और उसकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की नाकाम कोशिश की ! यही सब इस समय समान नागरिक संहिता कानून के लागू होने से पहले वह किसी न किसी तरीके से भारत में अशांति फैलाना चाह रही है और इसके लिए वह सीमा और अंजू के द्वारा भूमिका बनाने की कोशिश कर रही है !

भारतीय सेना के विरुद्ध भी आईएसआई तरह-तरह के जासूसी हथकंडे अपनाती रहती है !इसी संदर्भ में पूरा देश अभी तक 1978 के सांभा जासूसी प्रकरण को नहीं भूल सकता है ! इसमें जम्मू क्षेत्र के सांबा में तैनात 168 इन्फेंट्री ब्रिगेड के 50 कर्मियों के विरुद्ध गंभीर जासूसी आरोप उसने लगवाए जिसके कारण उस वक्त बहुत तनाव पैदा हुआ ! इसमें इस ब्रिगेड के 2 सैनिकों स्वर्ण दास और आया सिंह को आईएसआई ने अपने जाल में फंसाया और इन्हें भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों के द्वारा पकड़वा कर इनसे पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के लिए अन्य कर्मियों के नाम लेने के लिए इन पर दबाव डाला !

यह सब इन को ब्लैकमेल करके किया गया इसमें इन्होंने जो कहानी बताई उसके अनुसार इस ब्रिगेड के कर्मी जिनमें ब्रिगेड के कुछ अफसर तथा अन्य सैनिक शामिल थे जिनकी संख्या टोटल 50 थी ! इन सब पर मनगढ़ंत और झूठे आरोप थे की यह सब रात में सांबा से 45 किलोमीटर दूर पाक सीमा को पार करके पाकिस्तान में स्त्रियों से संबंध स्थापित करने जाते हैं और इसके बदले यह पाकिस्तान को भारतीय सेना की गुप्त जानकारी उपलब्ध कराते थे ! इस प्रकरण में सबूत जुटाने के लिए सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस ने इन आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की और इन्हें तरह तरह कि शारीरिक यातनाएं दी गई जो कल्पना से परे थी और यह सब पूरे 5 महीने तक चलता रहा !

इसमेंआरोप इतने गंभीर थे और इस प्रकार की कहानी बनाई गई जिससे इनके प्रति उस समय देश में किसी की सहानुभूति नहीं थी ! इस कारण इनके साथ तरह-तरह की अदालती कार्रवाई की गई इसमें मुख्य आरोपी कैप्टन राठौर और एके सिंह को 14– 14 साल की सजाएं दी गई ! इनके साथ साथ पांच अन्य को भी इसी प्रकार की सजाई हुई और बाकी अन्य आरोपियों को सेवाएं सेना के कानून 18 के तहत इनकी सेवाएं समाप्त की गई !बाद में 90 के दशक में पूरी जांच के बाद यह पाया गया कि यह पूरा प्रकरण झूठा था जिसको पाकिस्तान की आईएसआई ने भारतीय सेना के मनोबल को प्रभावित करने के लिए गढ़ा था ! बाद में जेल के सजाएं उच्चतम न्यायालय ने माफ की परंतु तब तक बहुत देर हो चुकी थी और तब तक आरोपियों ने अपनी सजा की अवधि को पूरा कर लिया था ! इस पूरे प्रकरण से यह अंदाजा लगाया जा सकता है की आई एस आई क्या क्या कर सकती है ! अभी भी बार-बार इस तरह की कोशिश पाकिस्तान की आईएसआई हमारे देश के विरुद्ध करती रहती है जिसे परोक्ष युद्ध के रूप में आज के समय में जाना जाता है !

पाकिस्तानी सेना और वहां की सरकार की नाइंसाफी और अत्याचारों से तंग आकर तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में विरोध उत्पन्न हुआ ! जिनमें 1971 के चुनावों में शेख मुजीबुर रहमान की जीत के बावजूद भी उन्हें प्रधानमंत्री पद नहीं दिया गया ! इसके कारण पूर्वी पाकिस्तान में जबरदस्त विरोध उत्पन्न हुआ जिसके परिणाम स्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ ! इसके लिए पाकिस्तानी सेना भारत को जिम्मेदार मानती है और वह बार-बार यही प्रयास कर रही है कि किस प्रकार बांग्लादेश की तरह भारत के भी हिस्से कराए जाएं !

इसके लिए तरह-तरह के हथकंडे वे अपनाती है और इसी के तहत आईएसआई ने पहले सीमा हैदर को भारत में अपना चाल फैलाने की के लिए आगे बढ़ाया और उसके बाद सनसनी फैलाने के लिए अंजू को पाकिस्तान बुलाया ! इस सब को देखते हुए भारतीय खुफिया तंत्र को चाहिए कि शीघ्र अति शीघ्र इन दोनों की सच्चाई देश के सामने लाए और सांबा प्रकरण की तरह ही इसके बारे में पूरी सूचना देश को उपलब्ध करा कर तरह-तरह की शंकाओं को दूर करें ! जिससे देशवासियों का मनोबल बना रहे और उन्हें भरोसा हो सके की पाकिस्तान अपनी चालो में कभी कामयाब नहीं हो सकता और वह भारत की सुरक्षा व्यवस्था को कभी नहीं मात दे सकता है !भारत के सूचना और प्रसारण मंत्रालय को चाहिए कि वह टीवी मीडिया को निर्देश जारी करें की इस प्रकार की खबरों को इस प्रकार दिखाकर देश में भ्रांति फैलाने की कोशिश ना करें !
 
 

Shivdhan Singh

Service - Appointed as a commissioned officer in the Indian Army in 1971 and retired as a Colonel in 2008! Participated in the Sri Lankan and Kargil War. After retirement, he was appointed by Delhi High Court at the post of Special Metropolis Magistrate Class One till the age of 65 years. This post does not pay any remuneration and is considered as social service!

Independent journalism - Due to the influence of nationalist ideology from the time of college education, special attention was paid to national security! Hence after retirement, he started writing independent articles in Hindi press from 2010 in which the main focus is on national security of the country.