पाकिस्तान जैसे धार्मिक कट्टरपंथ को देश में फैलाने की साजिश

आजकल हमारे देश में भी एक वर्ग हिंदुओं के मंदिरों और धार्मिक स्थलों की खोज मुस्लिमों की मस्जिदों में करके देश में तनाव बढ़ाकर देश को पाकिस्तान के रास्ते पर ले जाने का प्रयास कर रहा है !

NewsBharati    14-Jun-2022 11:45:14 AM   
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1947 में बंटवारे के समय पाकिस्तान को भारत के सबसे उपजाऊ हिस्से पश्चिमी और पूर्वी पाकिस्तान के रूप में दिए गए क्योंकि गांधीजी पाकिस्तान को भारत का छोटा भाई मानते हुए उसे अच्छे से अच्छी भूमि देना चाहते थे !अच्छी भूमि प्राप्त होने के बावजूद आज पाकिस्तान दिवालियापन के कगार पर पहुंच चुका है और उसका केवल एक ही कारण है कि पाकिस्तान का निर्माण सांप्रदायिकता के आधार पर हुआ था और निर्माण के बाद खुलेआम सांप्रदायिककट्टर पन को राष्ट्रीय नीति के रूप में अपनाया गया जिसके कारण 1971 में पाकिस्तान का बंटवारा हुआ !पूरा विश्व पाकिस्तान की इस स्थिति से भली भांति परिचित है और 1987 से विश्व शक्तियां पाकिस्तान के मुस्लिम कट्टर पन का लाभ उठाकर अपने स्वार्थों को पूरा कर रही हैं ! विश्व में 80 के दशक में शीतयुद्ध चरम पर था उस समय विश्व की महाशक्ति अमेरिका और सोवियत संघ एक दूसरों को नीचा दिखाने और अपना प्रभाव बढ़ाने में लगे हुए थे !
 
पाकिस्तान जैसे धार्मिक कट्टरपंथ को देश में फैलाने की साजिश 

ऐसे समय में 1987 में सोवियत सेनाओं ने अफगानिस्तान में प्रवेश किया और यहां पर अपनी कठपुतली सरकार स्थापित कर दी ! जिसके बाद अमेरिका ने पाकिस्तान में इस्लाम खतरे में है का नारा देकर मुस्लिम कट्टर पन को बढ़ावा दिया जिसके बाद पूरे पाकिस्तान के युवाओं को अफगानिस्तान से रूसी सेना को भगाने के लिए आतंकवादी बना कर उन्हें अफगानिस्तान भेज दिया गया ! जिन युवाओं को पाकिस्तान के निर्माण के लिए काम करना चाहिए था उन्हीं नौजवानों को मदरसों में आतंकवाद की ट्रेनिंग देकर उन्हें विनाश के मार्ग पर डाल दिया गया जिसका परिणाम आज पूरे विश्व के सामने है ! पाकिस्तान स्वयं तो बर्बाद हो चुका है परंतु अब उसकी नजर भारत पर है इसके लिए वह हर प्रकार से उन मौकों की तलाश में रहता है जिनके द्वारा सांप्रदायिक उन्माद बढ़ाया जा सके और देश में अशांति और अव्यवस्था की स्थिति बनाकर भारत की प्रतिष्ठा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गिराए जा सके ! आज हमारे देश में चारों तरफ नए-नए सांप्रदायिक मुद्दों को उछाला जा रहा है जिसमें हिंदुओं का एक बड़ा वर्ग इतिहास की गलतियों को सुधारने के लिए अदालतों और प्रशासनिक प्रक्रियाओं के द्वारा अपनी पहल कर रहा है ! इसमें बनारस की ज्ञानवापी और मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि विभाग प्रमुख है !

इधर देश के टीवी चैनल ऐसे मुद्दों की तलाश में रहते हैं जिनके द्वारा समाज में रोमांच उत्पन्न हो सके और इसके द्वारा इनकी टीआरपी भी बड़े चाहे इससे समाज में सांप्रदायिक विद्वेष फैले जिससे समाज विरोधी तत्वों को दंगा करने का मौका मिले , जैसा कि नूपुर शर्मा विवाद पर कानपुर, हाथरस, आगरा, प्रयागराज और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों में सांप्रदायिक दंगे किए गए ! क्या इस प्रकार के माहौल में विकास संभव है और जो विकास हो चुका है तो क्या इस प्रकार के माहौल में यह विकास सुरक्षित रह सकता है ! यही कुछ पाकिस्तान में हुआ, जब पूरा विश्व आर्थिक उदारता के युग में स्वयं का विकास कर रहा था उस समय पाकिस्तान धार्मिक कट्टरपन के जुनून में अमेरिका के लिए अफगानिस्तान में रूसी सेना से युद्ध लड़ रहा था ! जिसका परिणाम है कि आज पाकिस्तान दिवालियापन की कगार पर है ! और वहां पर चारों तरफ अशांति देखी जा सकती है जिसके कारण पाकिस्तान के भूतपूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान स्वयं कह रहे हैं कि पाकिस्तान तीन टुकड़ों में बांटने वाला है ! पाकिस्तान की तरह ही धार्मिक कट्टर पन को हमारे देश में इतिहास में हुई बर्बरता को याद कर करके फैलाने की कोशिश की जा रही है !
इतिहासकारों के अनुसार इतिहास से आज और भविष्य के लिए सबक लिए जाने चाहिए ना कि भूतकाल में हुई गलतियों को सुधारने मैं समय और शक्ति को बर्बाद करना चाहिए ! आजकल हमारे देश में भी एक वर्ग हिंदुओं के मंदिरों और धार्मिक स्थलों की खोज मुस्लिमों की मस्जिदों में करके देश में तनाव बढ़ाकर देश को पाकिस्तान के रास्ते पर ले जाने का प्रयास कर रहा है ! मौजूदा नूपुर शर्मा विवाद इसी का परिणाम है जिसमें एक टीवी चैनल पर ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में यह बयान नूपुर शर्मा ने दिया जिसके कारण पूरे विश्व का मुस्लिम वर्ग इसके विरोध में सामने आ गया और इस तनाव को जन-जन तक पहुंचाने में टीवी मीडिया अपना पूरा जोर लगा रहा है ! टीवी एंकर अक्सर बहस में हिस्सा लेने वालों को विवाद उत्पन्न करने वाले बयानों के लिए प्रेरित करते हैं जिससे उनके चैनल की टीआरपी बड़े और इनके इन प्रयासों से देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ कर दंगे शुरू हो जाते हैं ! टीवी की डिबेटओ के परिणाम स्वरुप ही देश में नागरिकता संशोधन कानून पर इतना तनाव उत्पन्न हुआ जिसके कारण दिल्ली के साइन बाग में पूरे 3 महीने तक धरना प्रदर्शन और जिसकी परिणति दिल्ली में दंगों मैं उस समय हुई जब अमेरिका के राष्ट्रपति दिल्ली दौरे पर थे !

राष्ट्रहित तथा राष्ट्र निर्माण को ध्यान रखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख श्री मोहन भागवत ने अपने संदेश में कहा है कि अब हिंदुओं को हर मस्जिद में शिवलिंग तलाश करने बंद करने चाहिए ! ज्ञानवापी प्रकरण पर पूरे देश में बढ़ रहे सामाजिक तनाव के संदर्भ में उनके कथन में संदेश निहित है कि अब संघ मंदिर मस्जिद के किसी नए आंदोलन के पक्ष में नहीं है ! उन्होंने कहा है कि ज्ञानवापी एक इतिहास है जिसे अब हम नहीं बदल सकते !उनके अनुसार इसके लिए ना तो आज के मुस्लिम और ना हिंदू इन ऐतिहासिक तथ्यों के लिए जिम्मेदार हैं ! हां इस समय इतिहास के दुष्परिणामों के कारण आज के समय में होने वाले विनाश को रोका जा सकता है ! इसके लिए देश में हिंदू और मुस्लिम संगठनों को देश हित में सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत और उदारवादी बनाने का प्रयास करना चाहिए ! इसकी पहल संघ के प्रमुख श्री मोहन भागवत ने कर दी है अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे अन्य मुस्लिम संगठनों को श्री भागवत की भावना के अनुसार देश में सामाजिक सौहार्द को भारतीय संस्कृति के अनुसार भाईचारा और सौहार्द पूर्ण बनाना चाहिए ! जिससे देश की सरकारों का पूरा ध्यान केवल विकास की तरफ ही केंद्रित रहे और देश के बहुमूल्य साधन केवल कानून व्यवस्था को सुरक्षित रखने में ना लगे रहे !

पूरे देश में राजनीतिक दलों के द्वारा तुष्टीकरण की नीति अपनाने के कारण सांप्रदायिकता नियंत्रण से बाहर होती नजर आ रही थी ! सरेआम सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले तत्व अपनी हरकतों को अंजाम दे रहे थे और तरह-तरह के अनैतिक और गैर कानूनी काम कर रहे थे ! ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश ने पूरे देश को एक आशा की किरण दिखाई है !जिसके द्वारा देश के सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों पर संतोष पूर्ण लगाम लगा दी गई है ! इसके लिए प्रदेश सरकार ने दंगों के 3 मुख्य कारणों को नियंत्रित करने की नीति अपनाई है ! इनमें दंगों के लिए धन इनके ठिकाने और प्रचार के माध्यमों पर सरकार ने सख्ती से कार्रवाई करते हुए इन को नियंत्रण में किया है ! उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के समय हुए दंगों में जिस भी संगठन या व्यक्ति ने जिस सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया उस नुकसान की भरपाई उसी संगठन या व्यक्ति से प्रदेश सरकार ने करवाई और इसी नीति पर चलते हुए सांप्रदायिक तत्वों के गैरकानूनी ठिकानों को बुलडोजर के द्वारा ध्वस्त किया गया ! जिससे आम पब्लिक को यह संदेश जाए कि इस प्रकार की हरकतों के द्वारा अर्जित धन और बाहुबल के द्वारा बनाई गई इन संपत्तियों को सरकार मान्यता नहीं देगी ! इसके साथ-साथ प्रदेश सरकार ने सांप्रदायिक तत्वों के साथ सख्ती से निपटने के लिए इनके विरुद्ध चलने वाली कानूनी प्रक्रिया को भी प्रभावशाली बनाया है ! जिससे देश विरोधी गतिविधियों में भाग लेने वालों को उनके किए की सजा शीघ्र अति शीघ्र मिल सके !इस प्रकार जहां पूरे देश में सांप्रदायिक दंगे और तनाव देखे जा सकते हैं वहीं पर उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों की आबादी के अनुपात में सांप्रदायिक तनाव बहुत कम है ! उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को देखते हुए विदेशों के निवेशक भी उत्तर प्रदेश में निवेश करना चाहते हैंजिससे प्रदेश का विकास और नौजवानों के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे !

उत्तर प्रदेश की स्थिति को उदाहरण स्वरूप मानते हुए देश के सभी राजनीतिक दलों को सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की नीतियों को अपनाना चाहिए ! जिससे पूरे विश्व में यह संदेश जाए कि भारत वर्ष पाकिस्तान नहीं है जहां पर सांप्रदायिक कट्टर पन के आधार पर अशांति फैलाई जा सकती है ! पूरे विश्व में भारत विकसित देशों की सूची में अपना स्थान बना रहा है इसलिए इस स्थान को सुरक्षित रखने के लिए पूरे देशवासियों को इस में अपना सहयोग देना चाहिए !

Shivdhan Singh

Service - Appointed as a commissioned officer in the Indian Army in 1971 and retired as a Colonel in 2008! Participated in the Sri Lankan and Kargil War. After retirement, he was appointed by Delhi High Court at the post of Special Metropolis Magistrate Class One till the age of 65 years. This post does not pay any remuneration and is considered as social service!

Independent journalism - Due to the influence of nationalist ideology from the time of college education, special attention was paid to national security! Hence after retirement, he started writing independent articles in Hindi press from 2010 in which the main focus is on national security of the country.