पिछले कुछ सालों से अक्सर हमारे देश में हर राजनीतिक विवाद उग्र रूप धारण कर रहा है ! इसकी शुरुआत 2016 में हरियाणा के जाट आरक्षण आंदोलन से शुरू हुई और उसके बाद नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध धरना प्रदर्शन दिल्ली के दंगे और अब किसान आंदोलन के रूप में देश की राजधानी दिल्ली का चारों तरफ से घेराव ! यह सब यह सोचने पर विवश करता है कि आखिर वह कौन सी शक्ति है जिसके द्वारा इतना बड़ा जनसमूह एकत्रित हो जाता है और उग्र रूप धारण करके कानून व्यवस्था की स्थिति को खराब करके देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा पैदा कर रहा है ! जहां इन आंदोलनों के पीछे सत्ता प्राप्ति के लिए यह सब किया जा रहा है परंतु यहां पर यह विचारणीय है कि इसके लिए आधुनिक संचार के माध्यम सोशल मीडिया को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है ! आज के सूचना के युग में सोशल मीडिया के व्हाट्सएप, टि्वटर, फेसबुक और लिंकडइन के द्वारा दुनिया के कोने कोने में पहुंच चुका है!
जहां सोशल मीडिया ने एक आम आदमी को आवश्यक सूचना पहुंचा कर उसको मजबूत और अपने अधिकारों के प्रति सचेत किया है वहीं पर इस सोशल मीडिया का दुरुपयोग करके अराजक तत्व समाज में भ्रांति फैलाकर जनता के भोले भाले लोगों को अनजाने में गैर कानूनीऔर देशद्रोह जैसे गंभीर अपराधों में उन्हें फंसा रहे हैं ! जैसा कि किसान आंदोलन के नाम पर हुए अपराधों में देखा जा सकता है ! इसी प्रकार सोशल मीडिया का दुरुपयोग करके अराजक तत्वों ने नागरिकता संशोधन कानून के समय धरने प्रदर्शनों को उस समय जानबूझ कर दिल्ली दंगों में परिवर्तित कर दिया जब विश्व की महाशक्ति अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली में मौजूद थे और उनके साथ विश्व का मीडिया भी दिल्ली में आया हुआ था ! देखने में आया उसी तरह किसान आंदोलन में पूरी दुनिया ने अपने टेलीविजन पर देखा कि किस तरह भारतवर्ष का राष्ट्रीय स्मारक कहे जाने वाले लाल किले के ऊपर उसके राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगे का अपमान किया गया ! क्या इन परिस्थितियों में भारत की तुलना पाकिस्तान और अन्य इसी प्रकार के अशांत देशों से नहीं की जारी होगी ! क्या अब भारत संयुक्त राष्ट्र संघ में स्थाई सदस्यता का दावेदार हो सकता है ! या भारत को कोई विश्व की महाशक्ति बुला सकता है ! इस प्रकार पूरे देश की अथक मेहनत के बाद जो अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा भारत को मिली थी वह इस प्रकार की हरकतों के कारण बर्बाद हो गई ! जांच एजेंसी को पता लगा है कि भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के द्वारा सोशल मीडिया के टि्वटर हैंडल के द्वारा हमारे देश की जनता को भ्रमित किया जा रहा था और तरह तरह की शंकाएं नए कृषि कानून के विरुद्ध पैदा की जा रही थी और जब भी सरकार और किसान किसी फैसले के नजदीक पहुंचते है तब तब तरह-तरह की भ्रांतियां फैला कर फैसला नहीं होने देते जिससे अराजकता की स्थिति लंबे समय तक चलती रहे और भारत इसी प्रकार बदनाम होता रहे ! इस सब को देखते हुए भारत सरकार ने अमेरिकन ट्विटर कंपनी को पाकिस्तान से भारत में दुष्प्रचार कर रहे 318 ट्विटर हैंडल को ब्लॉक करने का आग्रह किया परंतु इस कंपनी ने भारत में अभिव्यक्ति की आजादी का वास्ता देकर इन्हें बंद करने में आनाकानी की ! इसके बाद केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज सभा में अपने बयान में कहा है कि इसमें दो राय नहीं है कि सोशल मीडिया से आम आदमी सशक्त हुआ है और लोग अधिकार संपन्न हुए हैं ! सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में सोशल मीडिया की भूमिका है परंतु साथ ही सोशल मीडिया का दुरुपयोग भी जमकर हो रहा है ! इसलिए भारत सरकार ने ट्यूटर कंपनी को 1100 टि्वटर खातों को बंद करने के लिए कहां है ! ! जिससे भारत की आंतरिक सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले तत्वों को रोका जा सके ! इसी प्रकार भारत सरकार ने सोशल मीडिया के अन्य कंपनियों को भी इस प्रकार के तत्वों को दुष्प्रचार करने से रोकने के लिए आग्रह किया है !
पिछले कुछ सालों में यह देखा गया था की कश्मीर घाटी में आतंकवाद को फैलाने को बढ़ावा देने में भी सोशल मीडिया का प्रयोग सरेआम पाकिस्तानी एजेंटों ने आई एस आई के इशारे पर किया ! सोशल मीडिया के द्वारा आतंकवाद को मिटाने के लिए तैनात सुरक्षाबलों के विरुद्ध तरह-तरह की ज्यादती तथा अत्याचारों की झूठी खबरें फैलाकर वहां की जनता को इन बलों के विरुद्ध करने के प्रयास किए ! अक्सर सुरक्षाबलों की जब भी आतंकवादियों से मुठभेड़ होती थी तभी यह पाकिस्तानी एजेंट उसके आसपास के क्षेत्र की जनता को मुठभेड़ स्थल पर एकत्रित होने के लिए व्हाट्सएप और ट्विटर के जरिए संदेश भेजते थे ! जिसके द्वारा हजारों की भीड़ इकट्ठा होकर सुरक्षाबलों के विरुद्ध प्रदर्शन करती थी तथा आतंकियों को बचाने का प्रयास करती थी ! इस स्थिति में सरकार ने इसके विरुद्ध कड़े कदम उठाते हुए इंटरनेट सेवा को ही पूरे जम्मू कश्मीर राज्य में बंद कर दिया था ! जिसके द्वारा पुरे सोशल मीडिया पर भी लगाम लग गई और अब देखने में आ रहा है कि पिछले 2 साल से पूरा जम्मू कश्मीर राज्य शांत है तथा वहां पर धीरे-धीरे विकास अपने कदम बढ़ा रहा है ! 1971 में पूर्वी पाकिस्तान के पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बनने के बाद पाकिस्तानी सेना ने भारत के टुकड़े करने की कसम खाई थी ! इसके लिए उन्होंने पहले भारत के पंजाब को चुना उस समय इंटरनेट और सोशल मीडिया नहीं था इसलिए पाकिस्तान की आईएसआई ने रेडियो और टेलीविजन के द्वारा अपना दुष्प्रचार भारत के सीमावर्ती पंजाब में करना शुरू कर दिया ! इसके द्वारा उन्होंने पंजाब में खालिस्तान के बीज बोने शुरू किए और इसके लिए वहां के नौजवानों को आतंकवाद की ट्रेनिंग दे दे कर के पंजाब और पूरे देश में आतंकवाद फैलाने के लिए भेजना शुरू कर दिया ! जिसकी परिणति ऑपरेशन ब्लू स्टार के रूप में हुई जिसमें सिखों के सबसे पवित्र स्थान स्वर्ण मंदिर से खालिस्तानी आतंकवादियों को हटाने के लिए सेना को घुसना पड़ा !जिसके परिणाम स्वरूप 1984 में हिंदू और सिखों के बीच में सांप्रदायिक दंगे हुए ! इस प्रकार आपस में भाईचारे से रहने वाले हिंदू और सिखों के बीच में अविश्वास की खाई खोदने की कोशिश की गई ! परंतु इसमें वह सफल नहीं हो पाए ! धीरे धीरे तकनीक के विकास के साथ सोशल मीडिया का भी विकास हुआ और आज के सूचना तकनीक के युग में कई तरह के सोशल मीडिया आ चुके हैं जिनकी व्यापक पहुंच जनसाधारण तक पहुंच चुकी है ! इसलिए इस समय यदि इस सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया जाता है तो वह पहले से भी ज्यादा घातक सिद्ध हो सकता है ! जैसा कि हमारे देश में पिछले कुछ समय से देखने में आ रहा है !
सूचना तकनीक के व्यापक प्रयोग को देखते हुए भारत सरकार ने इसके उपयोग को व्यापार और लेन-देन में कानूनी मान्यता प्रदान करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 पारित किया ! इसके बाद 2008 में इसके अंदर कुछ बदलाव किए ! इस इस कानून की धारा 69A के अनुसार भारत सरकार को अधिकार प्राप्त है जिसके अनुसार यदि कोई सोशल या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया देश विरोधी या गलत सूचना प्रसारित करेगा तो उसको सरकार ब्लॉक कर सकती है ! इसी के अनुसार भारत सरकार ने चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में तनाव के बाद 29 जून 2020 में चीन के 59 मोबाइल ऐप बंद किए थे जिनमें टिक टॉक इत्यादि भी थे ! उसके बाद 24 नवंबर को चीन के ही 43 इसी प्रकार के और मोबाइल ऐप बंद किए ! यह सब मोबाइल ऐप हमारे देश में देश विरोधी भ्रांतियां फैला रहे थे ! भारत सरकार ने इसी कानून के तहत व्हाट्सएप पर भी कुछ प्रतिबंध लगाए हैं ! इसी क्रम में किसान आंदोलन तथा नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चले धरना प्रदर्शन के समय जनता में भड़काऊ और देश विरोधी सामग्री फैलाने के कारण भारत सरकार ट्विटर कंपनी से इस प्रकार के ट्विटर हैंडल को बंद करने के लिए बार-बार कह रही है ! जिस पर यह कंपनी उल्टे सरकार को भारत में संविधान की धारा19 (1) A का हवाला दे रही है ! जिसमें एक नागरिक की स्वतंत्रता के अधिकारों का प्रावधान है ! ट्विटर पर पूरी तरह पाबंदी लगाने में विश्व व्यापार संगठन डब्ल्यूटीओ के साथ किया हुआ समझौता भी बीच में आ रहा है ! परंतु यहां पर देखा जा सकता है कि यही ट्यूटर कंपनी अमेरिका में वहां के नागरिकों की अभिव्यक्ति की आजादी की दुहाई सरकार के सामने नहीं देती है ! चीन ने तो विदेशों से संचालित सारे मोबाइल ऍप्स को अपने देश में पूरी तरह बंद करके अपने स्वदेशी सोशल मीडिया के द्वारा अपनी जनता को सारी सूचनाएं पहुंचा रहा है ! इससे वहां पर आंतरिक सुरक्षा के लिए तरह-तरह के भारत जैसे खतरे पैदा नहीं होते हैं !
अब समय आ गया है जब पूरे देश को यह देखना होगा कि किस प्रकार सोशल मीडिया के दुरुपयोग से भारत की प्रतिष्ठा उसकी राष्ट्रीय संपदा तथा यहां की जनता के जानमाल का नुकसान इन मीडिया ओं के दुष्प्रचार के कारण हुआ है ! इस सब को रोकने के लिए देश के समस्त राजनीतिक दलों को सरकार को सहयोग देना चाहिए ! जिससे इन पर लगाम लगाई जा सके ! यहां पर यह बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कुछ विपक्षी दलों के नेताओं ने विदेश की साधारण स्त्रियों रेहाना इत्यादि के बड़ी बड़ी धनराशि लेकर किसान आंदोलन के समर्थन में ट्विटर पर दिए गए बयानों के बाद इन्हें भारत की देवी सरस्वती कहीं जाने वाली लता मंगेशकर जी के साथ इनकी तुलना की है ! जो बड़े शर्म और दुख की बात है कि अपने देश की गरिमा कहीं जाने वाली देवी की तुलना ऐसी स्त्रियों से !