कश्मीर से लेकर बांग्लादेश तक, निशाने पर हिन्दू !

पिछले कुछ दिनों से कश्मीर से लेकर बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। कश्मीर में हो रही गैर-मुसलमानों की हत्या, बांग्लादेश में हो रही हिंदुओं की हत्या और पुंछ में 9 जवानों की शहादत के बीच कोई लिंक है?

NewsBharati    18-Oct-2021   
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सबसे गंभीर मामला बांग्लादेश का है, जहां मानवाधिकार संस्थाओं के अनुसार गत 4 दशकों में 2.3 लाख लोग बंगलादेश छोड़ कर जा चुके हैं, बांग्लादेश में 10 प्रतिशत से अधिक हिन्दू आबादी आज भी रहती है और यदि वहां हिन्दुओं के हालात न सुधरे तो 25 साल के बाद वहां कोई भी हिन्दू नहीं रहेगा। इस तरह के हालात को देखते हुए हर कोई देश छोड़ कर कहीं और जाना चाहता है। बांग्लादेश में कट्टरवादी संगठनोंं द्वारा हिन्दुओं तथा उनके धर्मस्थलों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं।
 
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पिछले कुछ दिनों से कश्मीर से लेकर बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। कश्मीर में हो रही गैर-मुसलमानों की हत्या, बांग्लादेश में हो रही हिंदुओं की हत्या और पुंछ में 9 जवानों की शहादत के बीच कोई लिंक है? शायद ऐसा है। क्या दक्षिण एशिया में कोई बड़ा इस्लामिक एजेंडा काम कर रहा है ? हालांकि कई देशों में इस्लामी जेहादी रक्तपात कर रहे हैं।

पिछले दिनों यूरोप के नार्वे में तीर-धनुष लेकर एक मुस्लिम नौजवान ने 5 लोगों को मार डाला। पुलिस का मानना है कि इस हमलावर ने इस्लाम अपनाया था, और ऐसा लग रहा है कि वह कट्टरपंथ के असर में था। पुलिस इसे एक आतंकी हमला मान रही है। दूसरी तरफ कल की ताजा खबर यह है कि ब्रिटेन में वहां के एक कंजरवेटिव सांसद सर डेविड अमेस को एक नौजवान ने चाकू के कई वार करके मार डाला। वे अपने चुनाव क्षेत्र के एक चर्च में आम लोगों से मुलाकात कर रहे थे, और यह गिरफ्तार किया गया नौजवान 25 साल का ब्रिटिश नागरिक बताया जाता है, जो कि सोमालिया से वहां आकर बसा था, और पुलिस का कहना है कि यह इस्लामिक अतिवाद से जुड़ा हुआ हो सकता है।

सबसे गंभीर मामला बांग्लादेश का है, जहां मानवाधिकार संस्थाओं के अनुसार गत 4 दशकों में 2.3 लाख लोग बंगलादेश छोड़ कर जा चुके हैं, बांग्लादेश में 10 प्रतिशत से अधिक हिन्दू आबादी आज भी रहती है और यदि वहां हिन्दुओं के हालात न सुधरे तो 25 साल के बाद वहां कोई भी हिन्दू नहीं रहेगा। इस तरह के हालात को देखते हुए हर कोई देश छोड़ कर कहीं और जाना चाहता है। बांग्लादेश में कट्टरवादी संगठनोंं द्वारा हिन्दुओं तथा उनके धर्मस्थलों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। इस घटना को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश की सरकार से चिंता प्रकट की थी जिसके जवाब में शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दुओं की सुरक्षा को लेकर भारत को भी सतर्क रहना चाहिए. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए, जिससे उनके मुल्क और वहाँ के हिन्दुओं पर असर पड़े।

बीबीसी बांग्ला सेवा में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि यह पहली बार है, जब बांग्लादेश के शीर्ष नेतृत्व की ओर से खुलकर भारत के भीतर होने वाले वाले वाक़यों पर चिंता जताई गई है। बुधवार को शेख हसीना ने जो कुछ भी कहा, उसे अपवाद की तरह देखा जा रहा है। बांग्लादेश के पूर्व विदेश सचिव तौहीद हुसैन ने कहा कि संदेश स्पष्ट है, बांग्लादेश ने भारत में होने वाली सांप्रदायिक घटनाओं पर प्रतिक्रिया दी है।

लगता है कि अवामी लीग की सरकार हिंदुओं पर हाे रहे हमलों का ठीकरा भारत के सिर फोड़कर कट्टरपंथियों को खुश करना चाहती है, पिछले साल बांग्लादेश के कम से कम दो मंत्रियों का भारत दौरा रद्द कर दिया गया था. ऐसा भारत में विवादित नागरिक संशोधन कानून बनने के बाद हुआ था। हालांकि शेख हसीना ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने और हिन्दुओं को सुरक्षा प्रदान करने की बात दोहराई है।

अगस्त 2019 में जब मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370- को हटाया तो उसके बाद भी घाटी में शांति बनी रही और अब अचानक कश्मीर में हिंसा बढ़ गई है। नई डोमिसाइल नीति के कारण बाहरी लाेगाें के घाटी में बसने की समभावनाए बहुत कम हाे गई हैं। डेमोग्राफी वाली अफवाह फैलाकर उन्होंने माहौल बना दिया कि आठ दस हिन्दुओं को मारकर बाकी को भागने पर मजबूर किया जा सकता है। भारत सरकार जिस तरह से सीमा-पार के आतंकवादियों को रोकने का अभियान चलाती है वैसे ही सीमा के इस पार आतंकवाद के समर्थक समूहों और विचारधाराओं को नेस्तनाबूद करना होगा।