जो गाय दूध नही देती वो गाय बडी समस्या मानी जाती है. क्यों की उसका खर्चा किसान नही कर पाता. लेकीन पीछले छ: महिनों मे जो अनुसंधान आगे आया है, उससे आधार पर दूध न देने वाली गाय भी किसान के लिए फायदेमंद है। क्यों की, गोबर से किया हुआ कंडा गॅससे भी कम कीमत का होता है. कोई व्यवसाय करे तो फायदा होता है. यह सीर्फ बताने की और लिखने की बात नही रही क्यों की अनेक लोग उस विषय का व्यवसाय भी कर रहे है आणि फायदा भी कमा रहे हे. लेकीन इस का श्रेय आय आय टी दिल्ली के छात्रों को जाता है। उन्होने उस पर बडा अनुसंधान किया ह. दिल्ली स्थित अपर्णा राजगोपाल ये महिला ऐसी है, उसने गोबर से बनाए अनेक चीजों का मॉल बनाया है.
मेरठ में महिलाओं के एक समूह ने गोबर से ऐसा प्रोडक्ट तैयार कर दिया जिसकी दखल प्रसार माध्यम भी ले रही है. इन ग्रामीण महिलाओं ने गोबर को गंदगी के ढेर से उठाकर इस तरह से पवित्र कर दिया कि लोग अब गोबर के बने हुए इस प्रोडक्ट को हवन शादी-विवाह शुभ कार्य में इस्तेमाल कर रहे हैं. आलम ये है कि जिस गोबर को नाले में फेंक दिया जाता था उसी गोबर से तैयार पदार्थ आज कई राज्यों में अपनी सुंगध से महक रहे हैं. गोबर से बने प्रोक्टस ने महिलाओं को मालामाल कर दिया है.
मेरठ के फफूंडा गावं की महिलाओं ने गाय के गोबर से ऐसा प्रोडक्ट तैयार किया है, जिसकी डिमांड दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, जैसे राज्यों में है. इन महिलाओं ने गाय के गोबर में गंगाजल आदि मिलाकर उसे इतना पवित्र कर दिया गया कि आज लोग हवन सामग्री और अन्य पवित्र और पारिवारिक काम जैसे शादी-विवाह में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.
गाय के गोबर से करशी बनाकर इन महिलाओं ने उसे पैकेट में पैक कर दिया है. अब यही पैकेट कई राज्यों में सप्लाई हो रहा है. गाय के गोबर से बने इस पदार्थ की आज इतनी डिमांड है कि हर वक्त गांव में ऐसे ही तकरीबन दो लाख से ज्यादा पैकेट तैयार किए जाते हैं. करशी बनाने वाली महिलाओं के समूह की अध्यक्ष रेखा बताती हैं कि आज की तारीख में यही गोबर गांव की महिलाओं को रोज़गार दे रहा है.
घर का कामकाज निपटाने के बाद महिलाएं उनके साथ हाथ बंटाती हैं और उन्हें अच्छा ख़ासा फायदा हो रहा है. रेखा का कहना है कि उन्होंने कामयाबी की ये कहानी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रेरणा लेकर लिखी है. मेरठ की कृषि प्रदर्शनी में गाय के गोबर से बने प्रोडक्ट के स्टॉल को जिसने भी देखा वो वाह-वाह कह उठा.
गाय के गोबर से बने हुए इस इस प्रोडक्ट को आप दूर से देखेंगे तो आपको कुछ देर के लिए ऐसा लग सकता है कि जैसे बिस्किट के पैकेट रखे हों. लेकिन जब इसकी सोंधी ख़ुशबू आप तक पहुंचती है तो अहसास होता है कि ये तो हमारी मिट्टी की महक है. गाय के गोबर से प्रोडक्ट बनाने के अलावा महिलाओं का ये समूह पापड़ भी बना रहा है.